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भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद नारायण राणे को HC से बड़ा झटका, 2 हफ्ते में गिरेगा बंगले का अवैध निर्माण
Big blow to BJP leader and Rajya Sabha MP Narayan Rane from HC, illegal construction of bungalow will fall in 2 weeks
BJP leade नारायण राणे को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को दो सप्ताह के भीतर मुंबई में उनके बंगले में चल रहे अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मुंबई : भाजपा नेता नारायण राणे को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को दो सप्ताह के भीतर मुंबई में उनके बंगले में चल रहे अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति कमल खता की खंडपीठ कर रही थी। बता दें कि बीएमसी की टीम ने कुछ महीने पहले समुद्र तटीय नियामक क्षेत्र (सीआरजेड) के मानक के उलंघन के लिए राणे के 'अधीश' बंगले का निरीक्षण किया था।
उसके बाद राणे को बीएमसी अधिनियम 1888 की धार 351 (1) के तहत नोटिस जारी किया था। बीएमसी के-पश्चिम वार्ड के अधिकारी द्वारा जारी नोटिस में कहा गया था कि बंगले में किए गए परिवर्तन अनुमोदित योजनाओं के अनुरूप नहीं थे। राणे के वकील शार्दुल सिंह ने अदालत से छह सप्ताह के लिए अपने आदेश पर रोक लगाने की मांग की ताकि वह अपील में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकें।
हालांकि बेंच ने इसे खारिज कर दिया। अदालत ने राणे के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी कालका रियल एस्टेट्स द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें बीएमसी को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वे पहले नागरिक निकाय द्वारा पारित आदेशों से अप्रभावित उनके दूसरे आवेदन पर फैसला करें।
राणे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के नोटिस को रद्द करने की मांग की थी। राणे ने याचिका में बीएमसी की तरफ से 25 फरवरी, चार मार्च और 16 मार्च को दिए गए नोटिस को विकृत, अवैध और मूल अधिकारों का उल्लंघन बताया था।
राणे के वकील अमोघ सिंह ने जस्टिस ए सैयद की पीठ के समक्ष याचिका पर शीघ्र सुनवाई की अपील की थी। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को तोड़ने पर कुछ दिन के लिए रोक लगा दी थी। हालांकि अब उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
नोटिस में बंगले के भूतल और आठ मंजिलों में से सात में अनधिकृत तौर पर बदलाव किए जाने का उल्लेख किया गया है। बीएमसी के एक अधिकारी का कहना है कि पहली मंजिल से लेकर 8वीं मंजिल (7वीं मंजिल छोड़कर) तक बगीचे की जगह रूम बनवाए गए हैं जबकि नियम के मुताबिक आठ मंजिला बंगले के सभी फ्लोर पर बगीचे का क्षेत्र होना आवश्यक है।
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