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Read More... मुंबई : रेजिडेंट डॉक्टर संकाय की कमी, खराब शैक्षणिक पर्यवेक्षण, बढ़ते कार्यभार और पर्याप्त बुनियादी ढाँचे की कमी
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अखिल भारतीय चिकित्सा संघों के महासंघ द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, महाराष्ट्र भर के रेजिडेंट डॉक्टर संकाय की कमी, खराब शैक्षणिक पर्यवेक्षण, बढ़ते कार्यभार और पर्याप्त बुनियादी ढाँचे की कमी से जूझ रहे हैं। अत्यधिक कार्यभार के बावजूद, रेजिडेंट डॉक्टरों के पास किसी भी शिकायत निवारण तंत्र या मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रणाली तक पहुँच नहीं है। इसके विपरीत, सेंट्रल महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सर्वेक्षण के निष्कर्षों पर आधारित एक बयान में कहा है कि उन्हें न्यूनतम पर्यवेक्षण और सीमित शैक्षणिक सहायता के साथ बढ़ते रोगी भार का प्रबंधन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जो राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। बोईसर में सिडको बाईपास रोड पर हुई दुर्घटनाओं की झड़ी; कुछ ही घंटों में 12 से 13 मोटरसाइकिल सवारों को मामूली चोटें; निवासियों में आक्रोश
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बोईसर में सिडको बाईपास रोड पर हुई दुर्घटनाओं की झड़ी के बाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। कुछ ही घंटों में कम से कम छह दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें 12 से 13 मोटरसाइकिल सवारों को मामूली चोटें आईं और निवासियों में आक्रोश फैल गया। यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग बोईसर में एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग माना जाने वाला यह बाईपास, तारापुर रोड को नवापुर रोड से जोड़ता है। महाराष्ट्र में प्री मानसून बारिश से हजारों एकड़ प्याज की फसल बर्बाद... किसानों को भारी नुकसान
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महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक किसान संघ के संस्थापक अध्यक्ष भारत दिघोल्ड ने कहा कि केंद्र सरकार को देश में आवश्यक वार्षिक उत्पादन को सार्वजनिक करना चाहिए ताकि किसान इसके मुताबिक योजना बना सकें और अतिरिक्त उपज का निर्यात किया जा सके। ऐसी स्थिति में प्याज की कोई कमी नहीं होगी और उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर प्याज मिल सकेगा। जब प्याज की कीमतें बढ़ती हैं, तो सरकार निर्यात शुल्क, न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाकर और निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाती है। इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। हिंगोली : बेमौसम बारिश से किसानों को खासा नुकसान
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महाराष्ट्र के हिंगोली जिले में तेज आंधी के साथ बारिश हुई. इस बेमौसमी बारिश से किसानों को खासा नुकसान हुआ है. तेज आंधी और बारिश की वजह ये पपीता, आम, हल्दी, प्याज, ज्वार जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा नुकसान बागवानी फसलों को हुआ है. किसानों की मांग है कि क्षतिग्रस्त इलाकों का पंचनामा करके उन्हें तुरंत मदद मुहैया कराई जाए. 