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मुंबई :बीएमसी को पूर्व निगरानी अन्वेषक की सेवानिवृत्ति बकाया राशि जारी करने का निर्देश; किसी भी प्रकार की देरी पर ब्याज लगेगा

मुंबई :बीएमसी को पूर्व निगरानी अन्वेषक की सेवानिवृत्ति बकाया राशि जारी करने का निर्देश; किसी भी प्रकार की देरी पर ब्याज लगेगा बॉम्बे उच्च न्यायालय ने हाल ही में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को एक पूर्व निगरानी अन्वेषक की सेवानिवृत्ति बकाया राशि जारी करने का निर्देश दिया, जिसे उसने मराठी दक्षता परीक्षा पास न करने के कारण रोक रखा था। न्यायालय ने यह भी कहा कि बकाया राशि के भुगतान में किसी भी प्रकार की देरी पर ब्याज लगेगा, जिसकी वसूली उस अधिकारी के वेतन से की जाएगी जो देरी के लिए जिम्मेदार होगा।
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नई दिल्ली : काला धन जुर्माना और ब्याज की मांग के विरुद्ध 338 करोड़ रुपए की वसूली

नई दिल्ली : काला धन जुर्माना और ब्याज की मांग के विरुद्ध 338 करोड़ रुपए की वसूली केंद्र ने 1 जुलाई, 2015 से 31 मार्च, 2025 के दौरान काला धन (अप्रकटित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 के तहत किए गए आकलन के परिणामस्वरूप 21,719 करोड़ रुपए की कर मांग उठाई है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने मंगलवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया कि काला धन (अप्रकटित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम, 2015 की विभिन्न धाराओं के तहत लगाए गए जुर्माने के कारण 13,385 करोड़ रुपए की मांग 31 मार्च, 2025 तक की गई है।
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नई दिल्ली : मौद्रिक नीति समिति के निर्णय की घोषणा 6 जून को; ब्याज दरों में कटौती की संभावना

नई दिल्ली : मौद्रिक नीति समिति के निर्णय की घोषणा 6 जून को; ब्याज दरों में कटौती की संभावना भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई। इस बैठक में नीतिगत ब्याज दरों पर फैसला लिया जाएगा। मौद्रिक नीति समिति के निर्णय की घोषणा 6 जून को होगी। केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा इसका एलान करेंगे। यह नीतिगत बैठक ऐसे समय में हो रही है जब देश में महंगाई में लगातार नरमी दिखी है।
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मुंबई : कचरे का निपटान करने के लिए 21 कंपनियों ने दिखाई रुचि...

मुंबई : कचरे का निपटान करने के लिए 21 कंपनियों ने दिखाई रुचि... मनपा मुख्यालय में प्री बिड को लेकर हुई बैठक में संभावित ठेकेदारों को तकनीकी दायरा, पात्रता मानदंड और परियोजना की समयसीमा के बारे में जानकारी दी गई। यह परियोजना मुंबई के सबसे बड़े पुराने कचरा स्थल की सफाई के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। ठेकेदारों की ओर से उठाए गए सवाल मुख्य रूप से लॉजिस्टिक चुनौतियों को लेकर थे। कई कंपनियों ने यह चिंता जताई कि इतने बड़े कचरे को तीन वर्षों की तय समय सीमा में कैसे हटाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार कंपनियों ने यह भी पूछा कि पर्यावरणीय मंजूरी और सीआरजेड से स्वीकृति कैसे प्राप्त की जाएगी।
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