मुंबई : कचरे का निपटान करने के लिए 21 कंपनियों ने दिखाई रुचि...
Mumbai: 21 companies show interest in waste disposal...
मनपा मुख्यालय में प्री बिड को लेकर हुई बैठक में संभावित ठेकेदारों को तकनीकी दायरा, पात्रता मानदंड और परियोजना की समयसीमा के बारे में जानकारी दी गई। यह परियोजना मुंबई के सबसे बड़े पुराने कचरा स्थल की सफाई के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। ठेकेदारों की ओर से उठाए गए सवाल मुख्य रूप से लॉजिस्टिक चुनौतियों को लेकर थे। कई कंपनियों ने यह चिंता जताई कि इतने बड़े कचरे को तीन वर्षों की तय समय सीमा में कैसे हटाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार कंपनियों ने यह भी पूछा कि पर्यावरणीय मंजूरी और सीआरजेड से स्वीकृति कैसे प्राप्त की जाएगी।
मुंबई : देवनार डम्पिंग ग्राउंड पर जमा 185 लाख टन कचरे के जैव उपचार (बायोरिमेडिएशन) और प्रोसेसिंग तथा पृथक्करण के बाद निपटान के लिए मनपा द्वारा जारी किए गए 2,368 करोड़ रुपए के मेगा टेंडर पर प्री बिड मीटिंग में 21 कंपनियों ने कचरा नष्ट करने की रूचि दिखाई है। इन कंपनियों में भाग नौ कंपनियों ने मनपा के नियमो को लेकर अपनी ओर से भी उसमे कुछ बदलाव के सुझाव दिए।
मनपा मुख्यालय में प्री बिड को लेकर हुई बैठक में संभावित ठेकेदारों को तकनीकी दायरा, पात्रता मानदंड और परियोजना की समयसीमा के बारे में जानकारी दी गई। यह परियोजना मुंबई के सबसे बड़े पुराने कचरा स्थल की सफाई के उद्देश्य से शुरू की जा रही है। ठेकेदारों की ओर से उठाए गए सवाल मुख्य रूप से लॉजिस्टिक चुनौतियों को लेकर थे। कई कंपनियों ने यह चिंता जताई कि इतने बड़े कचरे को तीन वर्षों की तय समय सीमा में कैसे हटाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार कंपनियों ने यह भी पूछा कि पर्यावरणीय मंजूरी और सीआरजेड से स्वीकृति कैसे प्राप्त की जाएगी।
कंपनियों ने समन्वय बनाने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति मनपा करेगी क्या इस तरह का सवाल खड़ा किया जिससे काम में गति मिलेगी। ठेकेदारों की एक अन्य महत्वपूर्ण चिंता भूमि की उपलब्धता को लेकर थी। जहां प्रोसेस किए गए कचरे को जमा किया जाना है। मनपा ने अपने टेंडर में उल्लेख किया है कि प्रतिदिन 23,000 मीट्रिक टन कचरा प्रोसेस करना होगा, जिसके लिए प्रतिदिन लगभग 1,200 ट्रकों की आवश्यकता होगी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि 21 कंपनियों की रुचि का मतलब यह नहीं कि सभी निविदाएं जमा करेंगी। निविदा जमा करने की अंतिम तारीख 3 जून है और मनपा को उम्मीद है कि यदि पर्याप्त प्रतिसाद मिला तो अगले महीने के दूसरे सप्ताह तक कार्यादेश जारी कर दिया जाएगा।

