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भाजपा प्रत्याशी राजहंस सिंह के विप जाने का रास्ता साफ
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मुंबई : मुंबई महानगर पालिका से राज्य विधान परिषद की दोनों सीटों पर चुनाव निर्विरोध होगा। निर्दलीय प्रत्याशी सुरेश कोपरकर के नामांकन पत्र वापस लेने से भाजपा प्रत्याशी राजहंस सिंह और शिवसेना प्रत्याशी सुनील शिंदे का निर्वाचन निर्विरोध होगा। यानी उनका विधान परिषद का सदस्य बनना लगभग तय है।
मुंबई की दो सीटों पर दो उम्मीदवारों के नामांकन पत्र भरने से चुनाव निर्विरोध होने की पूरी संभावना थी, लेकिन पूर्व कांग्रेस नगरसेवक सुरेश कोपरकर के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र भरने से त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बन गई थी।
हालांकि उन्होंने नाम वापसी की आखिरी तारीख 26 नवंबर से एक दिन पहले अपना पर्चा वापस ले लिया और चुनाव कराने की नौबत को टाल दिया। इससे भाजपा और शिवसेना दोनों ही दलों ने राहत की सांस ली होगी। दरअसल, विधान परिषद चुनाव में गुप्त मतदान होता है, ऐसे में वोट फूटने की संभावना हमेशा बनी रहती है।
विधान परिषद चुनाव में भाजपा ने उत्तर भारतीय नेता राजहंस सिंह को चुनाव मैदान में उतारा। कांग्रेस में रहते हुए राजहंस सिंह का सफर नगरसेवक, मुंबई मनपा में विपक्ष के नेता और विधायक तक का रहा। वर्ष 2017 में उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया और वे भाजपा में शामिल हो गए।
भाजपा ने उन्हें उत्तर भारतीय समाज से संवाद कायम करने के लिए चौपाल कार्यक्रम आयोजित करने की जिम्मेदारी सौंपी। अब चूंकि उनका विधायक बनना तय है, ऐसे में अब मुंबई महानगरपालिका चुनाव में उत्तर भारतीय वोटरों को भाजपा खेमे में लाने का महत्वपूर्ण काम करना होगा।
शिवसेना के सुनील शिंदे को आदित्य ठाकरे के लिए अपनी वर्ली सीट छोड़ने का इनाम मिला। उनका राजनीतिक सफर नगरसेवक से होते हुए बेस्ट समिति अध्यक्ष और विधायक तक का रहा। उनके विधान परिषद सदस्य बनने से शिवसेना को मजबूती मिलेगी।
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