कुर्ला बस हादसे के बाद खुली बेस्ट की नींद; ड्राइवरों की ट्रेनिंग व्यवस्था में बदलाव की तैयारी

BEST woke up after Kurla bus accident; Preparations underway to change drivers' training system

कुर्ला बस हादसे के बाद खुली बेस्ट की नींद; ड्राइवरों की ट्रेनिंग व्यवस्था में बदलाव की तैयारी

बेस्ट (बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) के पास ड्राइवरों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए बसें हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वेट लीज ऑपरेटर्स अपने ड्राइवरों को इस ट्रेनिंग के लिए नहीं भेजते। बेस्ट के पास 7 ट्रेनिंग बसें हैं, जिनका उपयोग उनके अपने ड्राइवरों के साथ-साथ हेवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस (जैसे ट्रक, फायर टेंडर, टेम्पो और टैंकर) के लिए आवेदन करने वालों को ट्रेनिंग देने में किया जाता है।

मुंबई: बेस्ट (बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट) के पास ड्राइवरों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए बसें हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वेट लीज ऑपरेटर्स अपने ड्राइवरों को इस ट्रेनिंग के लिए नहीं भेजते। बेस्ट के पास 7 ट्रेनिंग बसें हैं, जिनका उपयोग उनके अपने ड्राइवरों के साथ-साथ हेवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस (जैसे ट्रक, फायर टेंडर, टेम्पो और टैंकर) के लिए आवेदन करने वालों को ट्रेनिंग देने में किया जाता है। हाल ही में कुर्ला में बेस्ट बस के हादसे के बाद, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई और 41 घायल हुए, अधिकारियों ने ड्राइवर ट्रेनिंग के लिए इलेक्ट्रिक बस को इस बेड़े में शामिल करने पर विचार किया है। एक रिटायर्ड आरटीओ अधिकारी ने बताया कि ई-बस पर ट्रेनिंग, डीजल और सीएनजी बसों से अलग होती है। ई-बस में एक्सेलेरेशन और रीजेनरेटिव ब्रेकिंग का रिस्पॉन्स टाइम काफी तेज होता है। इसलिए ई-बस में ड्राइवरों को ट्रेनिंग देना बेहद ज़रूरी है।

अभी क्या है पूरी व्यवस्था?
बेस्ट अब वेट लीज ऑपरेटर्स और खुद के ड्राइवरों के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर और ट्रेनिंग मॉड्यूल को अपडेट करने पर काम कर रहा है। बेस्ट के मुताबिक, इन 7 ट्रेनिंग बसों में से 5 सीएनजी पर चलती हैं और 2 डीजल पर, जिनमें सभी मैन्युअल गियर और क्लच हैं। इनमें एक बस, जिसे ‘अश्विनी’ कहा जाता है, एक मोबाइल ड्राइवर ट्रेनिंग बस है। इसमें एक इन-बिल्ट स्क्रीन है, जो पुराने बस हादसों के वीडियो दिखाने के लिए इस्तेमाल होती है। बाकी 6 बसें मुंबई के 27 बेस्ट डिपो में घूमती हैं और ट्रेनिंग के लिए उपयोग की जाती हैं। एक बेस्ट अधिकारी ने बताया कि हम इन बसों का उपयोग ड्राइवरों को ट्रेनिंग देने और हेवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ के आवेदकों का टेस्ट लेने के लिए करते हैं। हम अपने कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग देते हैं, लेकिन वेट लीज ऑपरेटर्स के ड्राइवर बहुत कम इस सुविधा का उपयोग करते हैं।

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नए नियम बनाने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, जो वेट लीज ऑपरेटर्स अब बेस्ट से अपनी सेवाएं हटा चुके हैं, वे कभी-कभार अपने ड्राइवर भेजते थे। हालांकि, जिनके बेड़े में ई-बस हैं, उन्होंने अपने ड्राइवरों को ट्रेनिंग के लिए नहीं भेजा। आमतौर पर, बेस्ट ड्राइवर ट्रेनिंग के लिए प्रति उम्मीदवार 350-400 रुपये चार्ज करता है। यह ट्रेनिंग 30 मिनट या लगभग 3 किमी तक चलती है और यह टेस्ट बस डिपो के अंदर ही होता है। कुर्ला हादसे के बाद 5 सदस्यीय कमेटी ड्राइवर ट्रेनिंग के लिए नए नियम बनाने पर काम कर रही है। बेस्ट अधिकारियों ने कहा कि वे ड्राइवरों को ई-बस पर 15-30 दिनों की ट्रेनिंग देने पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा, 7 ट्रेनिंग बसों में से कम से कम 3 बसें 2025 तक स्क्रैप हो जाएंगी, जिससे कुल ट्रेनिंग बसों की संख्या घटकर 4 रह जाएगी।

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