नई दिल्ली : 8वां वेतन आयोग : 1.83 से 2.57 के बीच हुआ फिटमेंट फैक्टर, तो जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी

New Delhi: 8th Pay Commission: Fitment factor between 1.83 and 2.57, so know how much salary will increase

 नई दिल्ली : 8वां वेतन आयोग : 1.83 से 2.57 के बीच हुआ फिटमेंट फैक्टर, तो जानिए कितनी बढ़ेगी सैलरी

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए आने वाले महीनों में बड़ी उम्मीदें बंधी हुई हैं. आठवें वेतन आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है. लोगों की नज़र खासकर इस बात पर है कि उनका फिटमेंट फैक्टर कितना तय होगा. यह छोटा-सा शब्द सुनने में छोटा है, लेकिन इसी के आधार पर वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी मिलेगी, ये तय होता है. पिछले कई वेतन आयोगों ने कर्मचारियों की आय में बड़ा फर्क डाला है, इसलिए इस बार भी हर किसी को बड़ी उम्मीदें हैं.

नई दिल्ली : केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए आने वाले महीनों में बड़ी उम्मीदें बंधी हुई हैं. आठवें वेतन आयोग ने अपना काम शुरू कर दिया है. लोगों की नज़र खासकर इस बात पर है कि उनका फिटमेंट फैक्टर कितना तय होगा. यह छोटा-सा शब्द सुनने में छोटा है, लेकिन इसी के आधार पर वेतन और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी मिलेगी, ये तय होता है. पिछले कई वेतन आयोगों ने कर्मचारियों की आय में बड़ा फर्क डाला है, इसलिए इस बार भी हर किसी को बड़ी उम्मीदें हैं. 8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस को मंजूरी मिलने के बाद आयोग ने अपनी औपचारिक तैयारी शुरू कर दी है. आयोग की अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना देसाई के नेतृत्व में टीम अब यह तय करेगी कि वेतन, पेंशन और भत्तों में कितनी बढ़ोतरी की जानी चाहिए. आयोग द्वारा जो भी सिफारिशें दी जाएंगी, वे यूनियन कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही अंतिम मानी जाएंगी.

 

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क्या होता है फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक (मल्टीप्लायर) होता है, जिसकी मदद से पुराने वेतन ढांचे से नया बेसिक वेतन निकाला जाता है. इसे तय करते समय कई चीजें ध्यान में रखी जाती हैं- जैसे महंगाई दर, जीवनयापन लागत और डॉ. वैलेस आर. आयक्रोयड का फॉर्मूला यह फॉर्मूला मूल रूप से एक मजदूर और उसके परिवार की न्यूनतम जरूरतें जैसे भोजन, कपड़ा और आवास के खर्च के आधार पर तय किया जाता है. 7वें वेतन आयोग ने इसे 2.57 तय किया था.

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आठवें वेतन आयोग के बारे में कर्मचारियों की उम्मीदें कई रिपोर्टों के आधार पर बनी हैं. NC-JCM के स्टाफ-साइड सदस्यों ने एक न्यूज़ चैनल को बताया था कि उन्हें लगता है कि इस बार भी फिटमेंट फैक्टर सातवें वेतन आयोग जैसा ही हो सकता है. वहीं, जुलाई में आई एम्बिट कैपिटल  की एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि यह 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया, बैक ऑफ द इन्वलप कैलकुलेशन के अनुसार पिछले वेतन आयोग में मिली वृद्धि के हिसाब से सरकार जिस रेंज में फिटमेंट फैक्टर तय कर सकती है, वह 1.83 से 2.46 के बीच है.

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अगर एम्बिट कैपिटल की बात मानें, तो न्यूनतम वेतन में काफी बड़ा बदलाव दिख सकता है. अभी केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये है. यदि फिटमेंट फैक्टर 1.83 होता है, तो यह करीब 32,940 रुपये हो जाएगा. वहीं 2.46 होने पर वही वेतन बढ़कर 44,280 रुपये तक पहुंच सकता है. यानी वेतन वृद्धि काफी हद तक इसी एक संख्या पर निर्भर करेगी.

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अधिकतम वृद्धि 54 प्रतिशत तक संभव
आयोग के फैसले से 50 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 65 लाख से अधिक पेंशनर्स की आय पर सीधा असर पड़ेगा. एम्बिट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया कि इस पे कमीशन से 14 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 54 प्रतिशत तक की वास्तविक वेतन वृद्धि संभव है, जिसमें बेसिक पे और DA दोनों शामिल हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि 54 प्रतिशत जैसी बड़ी बढ़ोतरी मुश्किल लगती है, क्योंकि सरकार पर वित्तीय बोझ बहुत बढ़ सकता है. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार उपभोग बढ़ाने के लिए वृद्धि थोड़ी अधिक कर सकती है, लेकिन व्यावहारिक सीमाएं भी देखनी होंगी.

अलग-अलग फिटमेंट पर सैलरी का अनुमान
कर्मचारियों को अनुमान लगाने में आसानी हो, इसलिए अलग-अलग ग्रेड पे पर 1.92 और 2.57 फिटमेंट फैक्टर के अनुसार संभावित वेतन भी उदाहरण के रूप में पेश किए गए हैं. इसमें HRA, TA, NPS और CGHS जैसी चीजें भी शामिल हैं. यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि HRA को बेसिक सैलरी (X-श्रेणी के शहरों के लिए) का 24 प्रतिशत माना जाता है. TA स्तर के अनुसार 3,600 से 7,200 रुपये तक होता है. NPS बेसिक का 10 प्रतिशत होता है, और CGHS वर्तमान दरों पर ही लिया जाता है.

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