वसई : छत्रपति शिवाजी महाराज के वेश में फोटोशूट कर रहे युवक को सुरक्षा गार्ड्स ने रोक दिया; आर्टिस्ट ने सिक्योरिटी गार्ड को हिंदी बोलने पर धमकाया
Vasai: Security guards stopped a young man from doing a photoshoot dressed as Chhatrapati Shivaji Maharaj; the artist threatened the security guard for speaking Hindi.
महाराष्ट्र में एक बार फिर से हिंदी-मराठी भाषा विवाद सामने आया है। वसई स्थित एक किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की पोशाक पहने आर्टिस्ट ने सिक्योरिटी गार्ड को हिंदी बोलने पर धमकाया। दरअसल, वसई किले में छत्रपति शिवाजी महाराज के वेश में फोटोशूट कर रहे युवक को सुरक्षा गार्ड्स ने रोक दिया और शूटिंग से रोक दिया था।
वसई : महाराष्ट्र में एक बार फिर से हिंदी-मराठी भाषा विवाद सामने आया है। वसई स्थित एक किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की पोशाक पहने आर्टिस्ट ने सिक्योरिटी गार्ड को हिंदी बोलने पर धमकाया। दरअसल, वसई किले में छत्रपति शिवाजी महाराज के वेश में फोटोशूट कर रहे युवक को सुरक्षा गार्ड्स ने रोक दिया और शूटिंग से रोक दिया था। इस पर छत्रपति शिवाजी की वेशभूषा में मौजूद युवक आगबबूला हो गया। उसे इस मामले को भाषा का रंग देते हुए सिक्योरिटी गार्ड से पूछा कि तुमको मराठी क्यों नहीं आती है। युवक ने सिक्योरिटी गार्ड को न सिर्फ बेइज्जत किया बल्कि आईडी कार्ड से नाम पढ़ भी उसे धमकाया और कहा कि अब तुम्हारी नौकरी भी जाएगी।
कितने साल हो गए तेरे को...
युवक गार्ड से कहता है कि मैंने तेरे को सम्मान दिया है ना हिंदी में बात करके। मुझे तुझे सम्मान देना चाहिए ना महाराष्ट्र में मराठी बोलकर। कितने साल हो गए तेरे को जॉब करके यहां पर? इस पर गार्ड बोलता है कि दो साल, दो साल हो गए। युवक कहता है, हां, तो मराठी क्यों नहीं सीखा? गार्ड इस पर कहता है कि सीखेगा सर। इसके बाद युवक पूछता है कि कब सीखेगा? युवक इसके बाद गार्ड का आईकार्ड पकड़ लेता है और फिर कहता है कि नाम दिखाओ जरा। बृजेश कुमार गुप्ता। यह आदमी एक सिक्योरिटी गार्ड है। वह हम जैसे मराठों को फोटो खींचने से रोक रहा है? हम उसका क्या करें? और वह बोलता है, मुझे मराठी नहीं आती.
यह पूरा मामला यहीं पर नहीं रुका, छत्रपति शिवाजी की वेशभूषा धारण किए शख्स ने गार्ड को धमकाने के साथ वहां पर मौजूद एक सीनियर गार्ड को धमकी दी। किले में शूटिंग करने से रोकने को युवक भाषा का रंग दे दिया। इस घटना के बाद सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों में पुरातत्व विभाग की कार्यप्रणाली की आलोचन की है। यह पहला मामला नहीं है जब महाराष्ट्र और मुंबई में भाषा विवाद सामने आया है। मनसे के कार्यकर्ता मीरा रोड समेत मुंबई के कई हिस्सों में हिंदी बोलने और मराठी नहीं बोलने को लेकर मारपीट कर चुके हैं। ताजा विवाद ने एक बार फिर महाराष्ट्र में भाषा विवाद की बहस को तेज कर दिया है।

