मुंबई : मंत्री नितेश राणे को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की मांग...
Mumbai: Demand to remove Minister Nitesh Rane from the State Cabinet...
वर्षा गायकवाड़ ने राज्य सरकार की तरफ से प्राथमिक शिक्षा में हिंदी थोपने की कोशिशों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे को जानबूझकर राजनीतिक रंग दे रहे हैं। 'कांग्रेस किसी भाषा के खिलाफ नहीं है। हम मराठी भाषा पर गर्व करते हैं और मानते हैं कि शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए। सरकार ने पहले दो आदेश जारी किए थे, लेकिन जनता के विरोध के कारण उन्हें वापस लेना पड़ा। अब इस मुद्दे को फिर से उठाने की कोई जरूरत नहीं है।'
मुंबई : कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे को राज्य मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि नितेश राणे बार-बार ऐसे बयान दे रहे हैं जो हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच नफरत और विभाजन पैदा करते हैं। वर्षा गायकवाड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नितेश राणे ने हाल ही में कहा कि मदरसे आतंकवाद की फैक्ट्री हैं। यह बयान न केवल संविधान की भावना के खिलाफ है बल्कि समाज में नफरत फैलाने वाला है।
उन्होंने कहा, 'एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसे भड़काऊ और सांप्रदायिक बयान नहीं देने चाहिए। इससे लोकतंत्र और संविधान का अपमान होता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत नितेश राणे को मंत्रिमंडल से हटाना चाहिए।' वर्षा गायकवाड़ ने यह भी आरोप लगाया कि राणे बार-बार एक विशेष समुदाय को निशाना बना रहे हैं और उनके शब्दों पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि 'अगर मुख्यमंत्री ऐसे बयानों को नजरअंदाज करते रहेंगे, तो इसे उनकी चुप सहमति माना जाएगा।'
वर्षा गायकवाड़ ने राज्य सरकार की तरफ से प्राथमिक शिक्षा में हिंदी थोपने की कोशिशों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे को जानबूझकर राजनीतिक रंग दे रहे हैं। 'कांग्रेस किसी भाषा के खिलाफ नहीं है। हम मराठी भाषा पर गर्व करते हैं और मानते हैं कि शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए। सरकार ने पहले दो आदेश जारी किए थे, लेकिन जनता के विरोध के कारण उन्हें वापस लेना पड़ा। अब इस मुद्दे को फिर से उठाने की कोई जरूरत नहीं है।'
जब उनसे हिंदुत्व कार्यकर्ता संभाजी भिडे के बारे में पूछा गया, तो वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि उनकी सोच पूरी तरह आरएसएस और भाजपा की विचारधारा से मेल खाती है। उन्होंने आरोप लगाया, 'आरएसएस ने कभी संविधान और राष्ट्रीय ध्वज को नहीं अपनाया। आजादी के बाद 50 वर्षों तक उनके मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहराया गया। यह मनुवादी सोच लोगों की असली समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए फैलाई जा रही है।'
शिव प्रतिष्ठान नाम के संगठन, जिसकी अगुवाई संभाजी भिडे करते हैं, ने सांगली जिला प्रशासन को एक ज्ञापन देकर इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की मांग की थी। इसके बाद शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा में घोषणा की कि इस्लामपुर का नाम अब ईश्वरपुर होगा। यह घोषणा मानसून सत्र के अंतिम दिन की गई।

