मुंबई: अनगिनत बेसहारा और बेजुबान पशुओं की भूख मिटा रहा है एटीएम
Mumbai: ATM is satisfying the hunger of countless helpless and voiceless animals

सिर्फ पैसों का ही ATM नहीं हो सकता। खाना उपलब्ध कराने वाला भी एटीएम (ऐनी टाइम मील) हो सकता है। मुंबई के शेरी एंड दिया फाउंडेशन ने यह साबित किया है। यह फाउंडेशन स्ट्रीट डॉग्स और बिल्लियों को एटीएम के जरिए 24 घंटे भोजन उपलब्ध कराता है। जीवदया दर्शन पर आधारित यह एटीम मुंबई के अलग अलग इलाकों में चल रहा है। जहां रोजाना 200 लीटर दूध, बिस्किट और तीन हजार रोटियां भरी जाती है। यह खाना अनगिनत बेसहारा और बेजुबान पशुओं की भूख मिटा रहा है।
मुंबई: सिर्फ पैसों का ही ATM नहीं हो सकता। खाना उपलब्ध कराने वाला भी एटीएम (ऐनी टाइम मील) हो सकता है। मुंबई के शेरी एंड दिया फाउंडेशन ने यह साबित किया है। यह फाउंडेशन स्ट्रीट डॉग्स और बिल्लियों को एटीएम के जरिए 24 घंटे भोजन उपलब्ध कराता है। जीवदया दर्शन पर आधारित यह एटीम मुंबई के अलग अलग इलाकों में चल रहा है। जहां रोजाना 200 लीटर दूध, बिस्किट और तीन हजार रोटियां भरी जाती है। यह खाना अनगिनत बेसहारा और बेजुबान पशुओं की भूख मिटा रहा है।
डॉग्स और बिल्लियों की मिटा रहा भूख
वर्तमान में यह एटीएम मुम्बई के ग्रांट रोड स्थित भारत नगर, चरनी रोड श्मशान भूमि, मुंबई सेंट्रल में रिलायंस फ्रेस, कमाठीपुरा में गली नंबर एक, तीन और पांच, मझगांव पूर्व में पेट्रोल पंप, भायखला स्थिति जैन मंदिर के पास चलता है। जो भोजन के लिए दर-दर भटकने वाले डॉग्स और बिल्लियों की भूख मिटा रहा है। 15 हजार रुपये में बनने वाले एक एटीएम में खाद्य सामग्री डालने का सारा खर्च फाउंडेशन खुद उठाता है। एटीएम की रोजाना पहले सफाई होती है। फिर वहां खाने पीने की चीजें रखी जाती है। महीने में खाद्य सामग्री और एटीएम के रखरखाव में तीन से चार लाख रुपये खर्च हो जाते है।
ऐसे मिली प्रेरणा
फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष राकेश कोठारी ने बताया कि उनकी बेटी का नाम दिया है। बेटी जन्मदिन पर वे शेरी (डॉग्स) को लाए थे। शेरी के निधन के बाद उसकी पाद को सहेजने के लिए शेरी एंड दिया फाउंडेशन बनाया गया। फाउंडेशन के बैनर तले भोजन उपलब्ध कराने वाला एटीएम बनाया। कोठारी कहते है कि इंसानों को भोजन के लिए जगह जगह भंडारे होते रहते हैं, लेकिन आवारा पशु भोजन के लिए भटकते रहते हैं। खाना न मिलने पर वे कुछ भी गंदा खाने को मजबूर हो जाते हैं। ऐसा न हो इसके लिए एटीएम बनाया है।
जानवरों के गले में लगाते है रेडियम बेल्ट
कारोबारी कोठारी बताते है कि अक्सर डॉग्स रात में एक्सिडेंट का शिकार होते है, इसलिए हमने उनके गले में रेडियम के पट्टे बांधने की शुरुआत की है। यह पट्टे रात में चमकते है, इसलिए गाड़ी वाले उन्हें आसानी से देख सकते है। हमने जानवरों के इलाज के लिए पालघर में दस एकड़ जमीन भी खरीदी है। जहां हमारी योजना जानवरों के इलाज के लिए सबसे बड़ा अस्पताल बनाने की है। जैसे फाउंडेशन की ओर से अभी भी घायल जानवरों का इलाज किया जाता है।