महाराष्ट्र में शराब पर 71% से अधिक टैक्स... कर्नाटक में है शराब पर सबसे अधिक कर
Maharashtra has more than 71% tax on liquor... Karnataka has the highest tax on liquor
महाराष्ट्र देश के उन राज्यों में शामिल हैं, जहां शराब पर टैक्स पहले से ज्यादा है। नई आबकारी नीति में देशी-विदेशी शराब पर टैक्स बढ़ाने से कर की दर 71% से अधिक होने की संभावना है। सरकार ने देशी-विदेशी शराब पर टैक्स जरूर बढ़ाया, लेकिन बीयर और वाइन पर टैक्स नहीं बढ़ाया है। इससे वाइन उत्पादन करने वाली कंपनी सुला वाइनयार्ड्स लिमिटेड को राहत मिली है।
मुंबई : महाराष्ट्र देश के उन राज्यों में शामिल हैं, जहां शराब पर टैक्स पहले से ज्यादा है। नई आबकारी नीति में देशी-विदेशी शराब पर टैक्स बढ़ाने से कर की दर 71% से अधिक होने की संभावना है। सरकार ने देशी-विदेशी शराब पर टैक्स जरूर बढ़ाया, लेकिन बीयर और वाइन पर टैक्स नहीं बढ़ाया है। इससे वाइन उत्पादन करने वाली कंपनी सुला वाइनयार्ड्स लिमिटेड को राहत मिली है।
इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार वर्तमान में कर्नाटक में शराब पर सबसे अधिक 83% कर है। अधिक कर की वजह से कर्नाटक शराब के शौकीनों के लिए सबसे महंगी जगह है। राजस्थान में 69 फीसदी कर है, जबकि तेलंगाना में 68% और उत्तर प्रदेश में 66% कर है। शराब के मामले में गोवा किफायती राज्य बना हुआ है। गोवा में शराब पर 49% टैक्स है। हरियाणा में भी शराब पर 47% टैक्स है, लेकिन वहां शराब का अधिकतम खुदरा मूल्य अधिक है। इस वजह से वहां गोवा के मुकाबले शराब की कीमत अधिक है। देश की राजधानी दिल्ली में शराब पर 62% टैक्स है। दिल्ली में अधिक कर के बावजूद शराब की दरें अन्य राज्यों से कम है।
मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र सरकार नेभारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) पर 51%, देशी शराब पर 14% और प्रीमियम शराब पर 25% टैक्स बढ़ाया था, हालांकि बीयर और वाइन पर टैक्स का बोझ नहीं बढ़ाया गया। बीयर में हार्ड लिकर की तुलना में अल्कोहल की मात्रा कम होती है और इसलिए इसे छूट दी गई है। शराब के मामले में राज्य की पॉलिसी का उद्देश्य उद्योग को बढ़ावा देना है।
वित्त मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी के एक अध्ययन के अनुसार तेलंगाना में लोग शराब पर सबसे अधिक पैसे खर्च करते हैं। तेलंगाना में शराब पर प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक खर्च 1,623 रुपए है, जबकि दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है। वहां प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक खर्च 1,306 रुपए है, जबकि पंजाब में 1245, छत्तीसगढ़ में 1227 रुपए प्रति व्यक्ति वार्षिक खर्च है। महाराष्ट्र में शराब पर प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक खर्च 346 रुपए है। उत्तर प्रदेश के लोग शराब पर सबसे कम पैसे खर्च करते हैं। वहां प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक खर्च केवल 49 रुपए है, जबकि राजस्थान में 140 रुपए, त्रिपुरा में 148, मध्यप्रदेश में 197 और असम में 198 रुपए है।
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