वसई-विरार में 791 इमारतें खतरनाक घोषित... 89 इमारतें अति जर्जर अवस्था में हैं, मनपा ने जारी किया नोटिस
791 buildings declared dangerous in Vasai-Virar... 89 buildings are in very dilapidated condition, Municipal Corporation issued notice
एक अधिकारी ने बताया कि मनपा ने जर्जर इमारतों को तीन हिस्से में बांटा है, अति जर्जर इमारतों को (सी-1) जर्जर इमारतों को (सी-2) और कम जर्जर इमारतों को (सी-3) की श्रेणी दी है। इनमें अति जर्जर इमारतों को मॉनसून से पहले खाली कराकर उन्हें तोड़ा जाना चाहिए। जर्जर इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर खाली कराके उनकी मरम्मत के बाद उनमें रहा जा सकता है।
विरार : वसई-विरार में मनपा द्वारा किए गए सर्वे में शहर की 791 इमारतें जर्जर पाई गई हैं। इनमें 89 इमारतें अति जर्जर अवस्था में हैं। मनपा ने सभी इमारतों को नोटिस जारी किया है, लेकिन इन जर्जर इमारतों में रहने वालों के पास विकल्प नहीं है। इसीलिए वह जान जोखिम में डालकर वहां रहने को मजबूर है। जान जोखिम में डालकर रहने पर मजबूर हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि मनपा ने जर्जर इमारतों को तीन हिस्से में बांटा है, अति जर्जर इमारतों को (सी-1) जर्जर इमारतों को (सी-2) और कम जर्जर इमारतों को (सी-3) की श्रेणी दी है। इनमें अति जर्जर इमारतों को मॉनसून से पहले खाली कराकर उन्हें तोड़ा जाना चाहिए। जर्जर इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट कर खाली कराके उनकी मरम्मत के बाद उनमें रहा जा सकता है।
जबकि, कम जर्जर इमारतों को बिना खाली कराए रिपेरिंग कराना होता है। फिलहाल मनपा ने सभी इमारतों को नोटिस जारी किया है। इस बाबत अतिक्रमण विभाग के उपायुक्त दीपक सावंत से संपर्क किया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। जर्जर इमारतों में रहने वालों का कहना है कि उनके पास पैसे नहीं हैं, जो वह दूसरा घर खरीदें या किराए पर लें। ऐसे में, वहां जान जोखिम में डालकर रहना उनकी मजबूरी है। उनकी मांग है कि प्रशासन उनके रहने की वैकल्पिक व्यवस्था करे, तो वह घर खाली कर देंगे।
नालासोपारा के साईं सिमरन अपार्टमेंट में हुई घटना ने खतरनाक इमारतों से जुड़े जोखिमों को उजागर कर दिया है। 13-14 साल पुरानी इस इमारत के चौथे माले पर एक फ्लैट का स्लैब अचानक गिर गया, जिससे इमारत में रहने वाले लोग भयभीत हैं। यह घटना इस बात की भयावह याद दिलाती है कि समय पर कार्रवाई न होने से बड़ी जान-माल की हानि हो सकती है।

