मुंबई और हैदराबाद में 13 स्थानों पर छापेमारी; 32 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाब संपत्ति जब्त
Raids conducted at 13 locations in Mumbai and Hyderabad; unaccounted assets worth over Rs 32 crore seized
By: Online Desk
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित अवैध भूमि विकास और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की चल रही जांच के तहत मुंबई और हैदराबाद में 13 स्थानों पर छापेमारी के बाद 32 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाब संपत्ति जब्त की है. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 14 और 15 मई को की गई छापेमारी में 9.04 करोड़ रुपए नकद और लगभग 23.25 करोड़ रुपए मूल्य के हीरे जड़ित आभूषण और सोना बरामद किया गया. अधिकारियों ने काफी मात्रा में ऐसे दस्तावेज भी बरामद किए, जिन्हें अपराध साबित करने वाला माना जा रहा है.
मुंबई/हैदराबाद. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित अवैध भूमि विकास और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की चल रही जांच के तहत मुंबई और हैदराबाद में 13 स्थानों पर छापेमारी के बाद 32 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाब संपत्ति जब्त की है. धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत 14 और 15 मई को की गई छापेमारी में 9.04 करोड़ रुपए नकद और लगभग 23.25 करोड़ रुपए मूल्य के हीरे जड़ित आभूषण और सोना बरामद किया गया. अधिकारियों ने काफी मात्रा में ऐसे दस्तावेज भी बरामद किए, जिन्हें अपराध साबित करने वाला माना जा रहा है.
जब्त की गई संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा 8.6 करोड़ रुपये नकद और 23.25 करोड़ रुपए मूल्य के आभूषण और सोना वसई विरार नगर निगम (वीवीएमसी) के नगर नियोजन के डिप्टी डायरेक्टर वाई.एस. रेड्डी के मुंबई और हैदराबाद स्थित आवासों से बरामद किया गया. जांचकर्ताओं ने ऐसे डॉक्यूमेंट्स भी बरामद किए हैं जिनसे वसई विरार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण घोटाले का खुलासा हो सकता है, जिसे कथित तौर पर वीवीएमसी अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया था.
यह मामला वसई विरार नगर निगम (वीवीएमसी) के अधिकार क्षेत्र में सरकारी और निजी भूमि पर 2009 से आवासीय-सह-वाणिज्यिक भवनों के अवैध निर्माण से संबंधित है. ईडी के अनुसार, निगम ने विकास योजना के तहत एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और एक डंपिंग ग्राउंड को मंजूरी दी थी. समय के साथ, 41 अवैध इमारतें बन गईं. ईडी का कहना है कि इमारतों का निर्माण इस बात को ध्यान में रखते हुए किया गया था कि उन्हें अंततः विकास कार्य के लिए ध्वस्त कर दिया जाएगा. बिल्डरों ने आम जनता को गुमराह किया और गंभीर धोखाधड़ी की.