मुंबई: छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने भी सेलेबी से करार खत्म
Mumbai: Chhatrapati Shivaji Maharaj International Airport also ended the agreement with Celebi
पाकिस्तान से यारी और भारत से गद्दारी, तुर्किए को काफी महंगी पड़ रही है. दिल्ली एयरपोर्ट के बाद अब अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने भी सेलेबी से करार खत्म कर दिया है. इसको लेकर आधिकारिक बयान भी आ गया है. ये डिसीजन भारत सरकार द्वारा तुर्किए की सेलेबी का क्लीयरेंस रद्द करने के बाद लिया गया है.
मुंबई: पाकिस्तान से यारी और भारत से गद्दारी, तुर्किए को काफी महंगी पड़ रही है. दिल्ली एयरपोर्ट के बाद अब अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट और मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने भी सेलेबी से करार खत्म कर दिया है. इसको लेकर आधिकारिक बयान भी आ गया है. ये डिसीजन भारत सरकार द्वारा तुर्किए की सेलेबी का क्लीयरेंस रद्द करने के बाद लिया गया है.
सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया, तुर्किये की सेलेबी ग्रुप का हिस्सा है. ये मुंबई, दिल्ली, कोच्चि, कन्नूर, बेंगलुरु, हैदराबाद, गोवा, अहमदाबाद व चेन्नई जैसे 9 प्रमुख भारतीय हवाई अड्डों पर सेवाएं देती थी. बता दें कि जब भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, तब तुर्किए ने भारत की बजाय पाकिस्तान का साथ दिया था. तब से भारत की जनता तुर्किए से काफी नाराज है और सोशल मीडिया पर बायकॉट तुर्किए एक अभियान की तरह चल रहा है.
इससे पहले गुरुवार को नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने घोषणा करते हुए कहा था कि "हमें देश भर से सेलेबी कंपनी के खिलाफ बैन लगाने के लिए अनुरोध प्राप्त हुए थे. राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और इन अनुरोधों को गंभीरता से लेते हुए मंत्रालय ने इस कंपनी की सुरक्षा मंजूरी को रद्द कर दिया है." उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश में कहा गया, "सेलेबी एनएएस एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया लिमिटेड को 21 नवंबर 2022 को सुरक्षा मंजूरी प्राप्त हुई थी, लेकिन अब नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएस) के महानिदेशक की शक्तियों का उपयोग करते हुए कंपनी की सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया गया एक कदम है."
ये आदेश ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के संयुक्त निदेशक (ऑपरेशंस) सुनील यादव द्वारा जारी किया गया है. सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि देश की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा सर्वोपरि है, और इस निर्णय का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जाए. इधर, देश के प्रमुख विश्वविद्यालयों ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए तुर्किए के संस्थानों के साथ अपने शैक्षणिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) को निलंबित कर दिया.

