महायुति का महाराष्ट्र पर कब्जा... बीएससी चुनावों में उद्धव ठाकरे की होगी परीक्षा ?

Mahayuti takes over Maharashtra... Will Uddhav Thackeray be tested in BSC elections?

महायुति का महाराष्ट्र पर कब्जा... बीएससी चुनावों में उद्धव ठाकरे की होगी परीक्षा ?

मुंबई में बृहन्मुंबई नगर पालिका चुनाव साल 2022 से टल रहे हैं। मुंबई महानगरपालिका 2017 और ठाणे में शिवसेना का ही दबदबा देखने को मिला था। ठाणे की 131 सीटों में सी 67 पर शिवसेना को जीत मिली थी, हालांकि अब परिस्थितियां बदल गई हैं। शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है।

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति की महाजीत ने एमवीए को हाशिए पर धकेल दिया है। विधानसभा में एमवीए की स्थिति ऐसी है कि उसे नेता विपक्ष के पद के लिए स्पीकर से गुहार लगानी पड़ेगी। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है क्या फडणवीस ने जिस तरह से वापसी की है, उसी ढंग से उद्धव ठाकरे वापसी करते हुए क्या मुंबई का गढ़ बचा पाएंगे?

महाराष्ट्र में नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार है लेकिन इस बीच अब बीएमसी चुनावों की चर्चा भी शुरू हो गई है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि बीजेपी जल्द से जल्द बीएमसी चुनावों को करवा सकती है। राज्य में महानगर पालिकाओं, नगर परिषदों, नगर पंचायतों, जिला परिषदों और पंचायत समितियों के चुनाव लगभग 3 सालों से रुके हुए हैं।

मुंबई में बृहन्मुंबई नगर पालिका चुनाव साल 2022 से टल रहे हैं। मुंबई महानगरपालिका 2017 और ठाणे में शिवसेना का ही दबदबा देखने को मिला था। ठाणे की 131 सीटों में सी 67 पर शिवसेना को जीत मिली थी, हालांकि अब परिस्थितियां बदल गई हैं। शिवसेना दो गुटों में बंट चुकी है।

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हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मुंबई में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शिवसेना के 10 विधायकों को जीत मिली है तो वहीं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 6 विधायकों को जीत मिली है। ठाणे में शिवसेना यूबीटी का सूपड़ा साफ हो गया है। ऐसे में चर्चा शुरू हो गई कि क्या उद्धव ठाकरे बीएमसी में अपनी पार्टी की सत्ता बचा पाएंगे?

2017 के बीएमसी चुनावों में उद्धव ठाकरे की शिवसेना को कुल 84 सीटों पर जीत मिली थी। 227 सदस्यों वाले सदन में बीजेपी को 82 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 31 और एनसीपी को 9 सीटों जीत मिली थी। मनसे और सपा को क्रमश: 7 और छह सीटें मिली थीं। उद्धव ठाकरे के 84 नगर सेवकों में 60 के करीब साथ छोड़ चुके हैं।

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इनमें ज्यादातर शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में चले गए हैं। विधानसभा चुनावों करारी शिकस्त के बाद शिवसेना यूबीटी में अकेले लड़ने की आवाज उठा रही है। अब देखना है कि उद्धव ठाकरे क्या निर्णय लेते हैं। बीएमसी देश की सबसे अमीर महानगरपालिका है। बीएमसी में बहुमत का आंकड़ा 119 सदस्यों का है।

लंबे समय से बीएमसी चुनावों के रुके होने पर एक स्वयंसेवी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। शनिवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर राज्य में चुनाव में देरी की वजहें और स्थितियां अलग-अलग हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर कोई ठोस कारण नहीं मिलता है, तो चुनाव कराने का आदेश दिया जा सकता है।

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ऐसे में बीएमसी चुनाव फरवरी में होने की संभावना बढ़ गई है। 64 हजार करोड़ के सालाना बजट वाली बीएमसी को अभी अफसर चला रहे हैं। 2017 में बीजेपी ने बीएमसी चुनाव अपने दम पर अलग लड़ा था। इससे पहले 2012 के चुनावों में शिवसेना को 75 सीटें मिली थीं। बीजेपी 31 सीटें जीत पाई थी। कांग्रेस को 52 और एनसीपी को 13 सीटें मिली थीं। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने 28 और एआईएमआईएम ने 2 सीटें जीती थीं।

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