साइबर हेल्पलाइन नंबर पर आए 1 लाख से ज्यादा कॉल्स, 26 करोड़ पीड़ितों को वापस, मुंबई पुलिस का काम काबिले तारीफ
More than 1 lakh calls received on cyber helpline number, 26 crore victims returned, Mumbai Police's work is praiseworthy
मुंबई: जब अंडरवर्ल्ड की दहशत अपने चरम पर थी, तब किसी सरगना की यह कॉल किसी की भी नींद उड़ा देती थी कि एक खोका या 10 पेटी तैयार रखना। मेरा आदमी आएगा, उसे दे देना। यदि कुछ गड़बड़ की, तो भेजा उड़ा दूंगा। उस दौर में रोज करीब 50 कॉल्स आते थे उगाही के। सरगना के पंटर हफ्ते की रकम अलग-अलग जगह से इकट्ठा करते थे। फिर इस रकम को अहमदाबाद और दूसरे कुछ खास शहरों में ले जाते थे।
मुंबई: जब अंडरवर्ल्ड की दहशत अपने चरम पर थी, तब किसी सरगना की यह कॉल किसी की भी नींद उड़ा देती थी कि एक खोका या 10 पेटी तैयार रखना। मेरा आदमी आएगा, उसे दे देना। यदि कुछ गड़बड़ की, तो भेजा उड़ा दूंगा। उस दौर में रोज करीब 50 कॉल्स आते थे उगाही के। सरगना के पंटर हफ्ते की रकम अलग-अलग जगह से इकट्ठा करते थे। फिर इस रकम को अहमदाबाद और दूसरे कुछ खास शहरों में ले जाते थे। वहां से यह रकम हवाला के जरिए सरगनाओं के पास विदेश में पहुंचती थी। लेकिन साइबर ठगों ने तो धोखाधड़ी से कमाई के सारे रिकॉर्ड्स ही तोड़ दिए हैं।
इसी से इसे समझा जा सकता है कि साइबर ठगी के शिकार लोगों की मदद के लिए पिछले साल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर 1,09,029 कॉल्स आए। यह आंकड़ा सिर्फ मुंबई का है। एक अधिकारी के अनुसार, प्रदेश के अन्य शहरों का भी रोज का कॉल्स का आंकड़ा औसतन 1200 से 1500 से बीच है। एक आईपीएस अधिकारी के अनुसार पुलिस में साइबर फ्रॉड के सिर्फ 5 प्रतिशत केस रिपोर्ट हो रहे हैं। बहुत से लोगों को पता ही नहीं होता कि जब अकाउंट से रकम निकल रही है, तो अकाउंट को ब्लॉक कैसे कराया जाए, पुलिस में रिपोर्ट कैसे कराई जाए?
साइबर क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉक्टर डीएस स्वामी कहते हैं कि ठगी के बाद जितनी जल्दी लोग पुलिस के पास जाएंगे या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करेंगे, उनकी रकम वापसी की उतनी ही संभावना बनी रहेगी। पिछले साल पुलिस ने साइबर ठगों द्वारा ट्रांसफर किए गए 26 करोड़ 48 लाख रुपये बैंकों में ब्लॉक करवाए और बाद में पीडितों को वापस कराए।

