जेजे अस्पताल में इमरजेंसी से लेकर ICU तक बेहाल... दवा क्या, पट्टी तक नहीं है!

From emergency to ICU in JJ hospital, there is no medicine, not even a bandage!

जेजे अस्पताल में इमरजेंसी से लेकर ICU तक बेहाल... दवा क्या, पट्टी तक नहीं है!

गरीब रोगी सरकारी अस्पतालों का रुख इसलिए करते हैं, ताकि डॉक्टर, बेड और दवाइयों का खर्चा बच जाए, लेकिन जेजे अस्पताल में मरीजों को कुछ दवाइयों का खर्च खुद को वहन करना पड़ रहा है।

मुंबई: जेजे अस्पताल पर मुंबई और आसपास की एक बड़ी आबादी की सेहत दुरुस्त रखने का जिम्मा है। सरकार और प्रशासन यहां की व्यवस्थाएं सुधारने का दावा भी यदा-कदा करते रहते हैं। लेकिन हाल यह है कि जेजे अस्पताल में दवाएं तो दूर, पट्टी तक नहीं है।

इन समस्याओं से जूझने का अनुभव तब हुआ जब यह रिपोर्टर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हुआ। अस्पताल में इंफेक्शन का इलाज करने के लिए लगने वाली एंटीबायोटिक दवाइयां, टेटनस इंजेक्शन यहां तक के मल्टी विटामिन तक उपलब्ध नहीं हैं। पैन 40 (एसिडिटी) के अलावा अस्पताल से कोई भी दवाइयां नहीं मिलीं।

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यही हाल ओपीडी व आईसीयू का भी है, वहां भी कुछ दवाइयां हैं, तो कुछ बाहर से खरीदने के लिए कहा जाता है। गरीब रोगी सरकारी अस्पतालों का रुख इसलिए करते हैं, ताकि डॉक्टर, बेड और दवाइयों का खर्चा बच जाए, लेकिन जेजे अस्पताल में मरीजों को कुछ दवाइयों का खर्च खुद को वहन करना पड़ रहा है।

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रिपोर्टर को इंफेक्शन होने के बाद सबसे पहले टीटी का इंजेक्शन बाहर से मंगावाया गया। एडमिट होने के बाद एज़िथ्रोमाइसिन, डॉक्सीसाइक्लिन, एमोक्सिसिलिन और मल्टी विटामिन की गोलियां लिखी गईं। यह सभी दवाइयां बाहर से मंगाने के लिए कही गईं, क्योंकि अस्पताल में यह दवाएं सोमवार से गुरुवार तक उपलब्ध नहीं थीं।

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