२०२४ में जीडीपी वृद्धि दर ६.३ प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना...
GDP growth rate is likely to be around 6.3 percent in 2024...
कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, अगला कैलेंडर साल दो हिस्सों का होगा, जिसमें आगामी आम चुनाव से पहले सरकारी खर्च वृद्धि इसका मुख्य कारण होगा, जबकि चुनाव के बाद निजी क्षेत्र में फिर से तेजी आ सकती है। ब्रोकरेज फर्म के अनुसार, वित्त वर्ष के संदर्भ में वित्त वर्ष २०२४-२५ में वृद्धि दर के चालू वित्त वर्ष में अनुमानित ६.२ प्रतिशत में मामूली वृद्धि होने की संभावना है।
मुंबई : केंद्र की भाजपा सरकार देश की अच्छी अर्थव्यवस्था के ढोल पीट रही है। विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। मगर यह सब छलावा साबित हो रहा है। आंकड़ों की बाजीगरी के बीच एक अमेरिकी फर्म ने अगले साल के जीडीपी ग्रोथ पर बड़ा बयान दिया है।
इसके अनुसार, हिंदुस्थान की वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) २०२४ में जमीं पर होगा यानी इसमें गिरावट आएगी। जानकारों का मानना है कि अगले साल यह गिरावट के साथ ६.३ प्रतिशत से नीचे जा सकती है। अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैच्स ने सोमवार को एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है।
कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, अगला कैलेंडर साल दो हिस्सों का होगा, जिसमें आगामी आम चुनाव से पहले सरकारी खर्च वृद्धि इसका मुख्य कारण होगा, जबकि चुनाव के बाद निजी क्षेत्र में फिर से तेजी आ सकती है। ब्रोकरेज फर्म के अनुसार, वित्त वर्ष के संदर्भ में वित्त वर्ष २०२४-२५ में वृद्धि दर के चालू वित्त वर्ष में अनुमानित ६.२ प्रतिशत में मामूली वृद्धि होने की संभावना है।
एक बयान में गोल्डमैन सैक्स ने कहा, ‘इस क्षेत्र में हिंदुस्थान में संरचनात्मक वृद्धि की सबसे अच्छी संभावनाएं हैं। हमारा मानना है कि २०२४ में जीडीपी वृद्धि दर ६.३ प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है।’ कंपनी की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि देश वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों, डॉलर की लगातार मजबूती और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं जैसे संभावित बाहरी झटकों के प्रति कम ‘संवेदनशील’ है।
ब्रोकरेज ने कहा कि वृद्धि परिदृश्य को लेकर जोखिम समान रूप से संतुलित है, लेकिन ‘मुख्य घरेलू जोखिम राजनीतिक अनिश्चितता से उत्पन्न हो रहा है, क्योंकि २०२४ की अप्रैल-जून तिमाही में आम चुनाव होने वाले हैं।’ पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के साथ चुनावी मौसम पहले से ही चल रहा है।
इसके बाद आम चुनाव का मौसम शुरू होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चुनावों के नतीजों पर निवेशकों द्वारा आर्थिक सुधारों और / या नीति निरंतरता के दृष्टिकोण से ‘गहराई से नजर’ रखी जाएगी। फर्म ने संभावना जताई है कि प्रमुख उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति २०२४ में ५.१ प्रतिशत रहेगी। हालांकि, रिजर्व बैंक का अनुमान है कि मुद्रास्फीति ४.७ प्रतिशत रहेगी।

