अभिनेता ने सेंसर बोर्ड पर लगाया घूस का आरोप, मचा बवाल, निहलानी ने मांगा प्रसून जोशी का इस्तीफा
Actor accused of bribery on censor board, created ruckus, Nihalani demands Prasoon Joshi resignation
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मुम्बई फिल्म ‘मार्क एंटनी’ एक्टर विशाल ने वीडियो के जरिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विशाल ने दावा किया है कि सेंसर बोर्ड ने उनकी फिल्म की हिंदी रिलीज के सर्टिफिकेशन के लिए 6.5 लाख रुपये लिए हैं। उनका ये वीडियो तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले का संज्ञान लेने की रिक्वेस्ट भी कर रहे हैं। ये मामला विशाल की फिल्म ‘मार्क एंटनी’ से ही जुड़ा है। जो 15 सितंबर को रिलीज हुई थी। फिल्म का हिंदी वर्जन 28 सितंबर को रिलीज हुआ है। हिंदी वर्जन की रिलीज के सर्टिफिकेट के लिए उन्हें सीबीएफसी को 6.5 लाख की रिश्वत देनी पड़ी थी। इतना ही नहीं विशाल का कहना है कि उनके पास इस बात के सारे सबूत हैं। एक्टर के इस आरोप से इंडस्ट्री के लोग हैरान हैं।
बोर्ड में होना चाहिए फेरबदल? पहलाज निहलानी ने कहा कि हमारी सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए। उनका कहना है कि बड़े एक्टर होने के बाद जब विशाल के साथ ऐसा हो सकता है तो तो छोटे प्रोड्यूसर्स के साथ क्या होता होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की प्रतिक्रिया फिल्म रिलीज के साथ विजय ने एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर कर आरोप लगाया, जिसपर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से प्रतिक्रिया दी गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “एक्टर विशाल द्वारा सीबीएफसी में भ्रष्टाचार का मामला सामने लाया गया है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इस तरह के भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी और इसमें शामिल होने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। आज ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से एक अधिकारी को इस मामले पूछताछ के लिए मुंबई भेजा गया है।”
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने जांच के आदेश दिए मंत्रालय ने आगे लिखा, “हम सभी से प्रार्थना करते हैं कि मंत्रालय से सहयोग करें, अगर सीबीएफसी ने द्वारा किसी और का भी शोषण किया है, तो वो भी jsfilms.inb@nic.in इस पते पर बताए।” मंत्रालय की यह कार्रवाई विशाल के वायरल वीडियो के बाद हुई है। विशाल ने कहा कि उन्होंने ‘मार्क एंटनी’ की हिंदी रिलीज के लिए ऑनलाइन सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया था। विशाल ने कहा, “हमने अंतिम समय में अप्लाई किया क्योंकि हमारे सामने कुछ टेक्नीकल इशु था। जब हमारी टीम का सदस्य सीबीएफसी कार्यालय गया तो हमें एक ऑप्शन दिया गया कि उसी दिन सर्टिफिकेशन के लिए 6.5 लाख रुपये देने होंगे। हमारे पास कोई और उपाय नहीं था।”