जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
Jet Airways founder Naresh Goyal has been arrested. He has been arrested in the money laundering case.
जेट एयरवेज (Jet Airways) के संस्थापक नरेश गोयल ( Naresh Goyal) को ईडी (ED) ने गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। गोयल पर 538 करोड़ रुपये के केनरा बैंक (Canara Bank) धोखाधड़ी (Fraud) का आरोप है। गिरफ्तारी से पहले शुक्रवार को उनसे पूछताछ की गई थी। गोयल को शनिवार (2 सितंबर) मुंबई (Mumbai) में एक विशेष पीएमएलए अदालत (Special PMLA Court) में पेश किया जाएगा, जहां ईडी उनकी हिरासत (Custody) की मांग करेगी।
नरेश गोयल को ईडी अधिकारियों ने शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुल था। वह इससे पहले दो बार ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। ईडी f अधिकारी गोयल को पूछताछ के लिए ले गए जहां से उन्हें मुंबई लाया ग पूछताछ के बाद जेट एयरवेज के संस्थापक को गिरफ्तार कर लिया गया।
मुंबई में सात स्थानों पर तलाशी
जेट एयरवेज के संस्थापक के खिलाफ ईडी का मामला इस साल मई में दर्ज सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। 5 मई को, सीबीआई अधिकारियों ने गोयल के आवास और उनके कार्यालयों सहित मुंबई में सात स्थानों पर तलाशी ली।
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 538 करोड़ रुपये के कथित केनरा बैंक धोखाधड़ी मामले में जेट एयरवेज, नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया।
ये बातें एफआईआर से सामने आईं एफआईआर बैंक की शिकायत पर दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लग गया था कि उसने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड को 848.86 करोड़ रुप की क्रेडिट सीमा और ऋण मंजूर किए थे, जिनमें से 538.62 करोड़ रु बकाया हैं। एफआईआर में कहा गया है कि गोयल परिवार के निजी ख जैसे कर्मचारियों का वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च आदि का भुगतान आईएल द्वारा किया गया था।
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जेट एयरवेज 2019 में बंद हो गई
बता दें, जेट एयरवेज 25 साल के ऑपरेशन के बाद अप्रैल 2019 में बंद हो
गई थी। जेट एयरवेज कर्ज में डूबी हुई थी। नरेश गोयल पर विदेशों में कई
कंपनियों को अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित करने का आरोप है। इनमें से कुछ
कंपनियों का लेन-देन स्वर्ग देशों में भी है। शुरुआती जांच में यह भी पता
चला था कि नरेश गोयल ने टैक्स बचाने के लिए घरेलू और विदेशी कंपनियों
के बीच कई संदिग्ध लेनदेन किए थे और देश के बाहर फंडिंग की थी।

