समंदर में प्राइवेट यॉट पार्किंग, ट्रैफिक फ्री गेटवे, जानिए क्या है बीपीटी का मरीना प्रॉजेक्ट
Private yacht parking, traffic free gateway in sea, know what is BPT's marina project...
बीपीटी के चेयरमैन राजीव जलोटा के मुताबिक मरीना के तैयार होने से टूरिज्म और स्पोर्ट को बढ़ावा मिलेगा।
गेट वे ऑफ इंडिया के समुद्र किनारे से निजी जहाजों की भीड़ हटाने का प्रयास मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (बीपीटी) ने एक बार फिर शुरू कर दिया है। जहाजों की भीड़ हटाने के लिए बीपीटी ने कुछ वर्ष पहले प्रिंसेस डॉक पर जहाजों का पार्किंग स्थल तैयार करने का निर्णय लिया था। लेकिन मरीना प्रॉजेक्ट के लिए ठेकेदार नहीं मिलने के कारण यह प्रॉजेक्ट शुरू नहीं हो पाया था। प्रॉजेक्ट शुरू होने में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए बीपीटी ने शर्तों में ढील लेने का निर्णय लिया है। ठेकेदारों की मांगों को स्वीकार करते हुए प्रॉजेक्ट के भीतर कमर्शल एरिया को दुगना कर दिया है। हालांकि अब इस प्रॉजेक्ट की लागत काफी बढ़ गई है। मरीना प्रॉजेक्ट के तहत प्रिंसेस डॉक के करीब 9.02 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 300 यॉट का पार्किंग स्थल तैयार होगा। बीपीटी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मरीना में यॉट की पार्किंग के साथ ही उसकी मरम्मत की भी व्यवस्था होगी... BPT's marina project...
यॉट के लिए पेट्रोल भी मरीना में ही उपलब्ध करवाया जाएगा। मरीना में होटल का भी निर्माण होगा। महानगर में मौजूदा समय में 250 से अधिक निजी यॉट हैं। पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण यॉट गेट वे ऑफ इंडिया के करीब खड़े रहते हैं। इससे प्रदूषण के साथ ही गेट वे ऑफ इंडिया की सुंदरता भी प्रभावित हो रही है। मॉनसून के दौरान याट को पार्क करने के लिए अलीबाग भेजा जाता है... BPT's marina project...

मरीना प्रॉजेक्ट पहले 8 हेक्टेयर परिसर में बनने वाला था, वहीं अब यह प्रॉजेक्ट 9.02 हेक्टेयर क्षेत्र में बनेगा। मरीना में पहले कमर्शल इस्तेमाल के लिए 1 हेक्टेयर क्षेत्र की अनुमति थी, जिसे अब बढ़ाकर 2 हेक्टेयर कर दिया गया है। मरीना प्रॉजेक्ट को पीपीपी मॉडल की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। इसके लिए डिजाइन बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ऐंड ट्रांसफर की योजना तैयार की गई है। मरीना प्रॉजेक्ट के लिए 2020 में टेंडर आमंत्रित किया गया था। प्रॉजेक्ट के लिए कुछ कंपनियों ने रुचि दिखाई थी। कंपनियों ने बीपीटी से कमर्शल उपयोग के क्षेत्र में इजाफा करने की मांग की थी... BPT's marina project...
डोमेस्टिक क्रूज टर्मिनल के करीब बनने वाले मरीना प्रॉजेक्ट के क्षेत्र में वृद्धि होने के साथ ही लागत में भी इजाफा हो गया है। कुछ वर्ष पहले तक करीब 360 करोड़ की लगात से तैयार होने वाले प्रॉजेक्ट पर अब करीब 575 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रॉजेक्ट का जल्द निर्माण कार्य शुरू करने के लिए बीपीटी ने बदलाव के साथ टेंडर आमंत्रित किए हैं। इच्छुक कंपनियां जुलाई के अंत तक टेंडर भर सकती हैं। टेंडर अलॉट होने के बाद कंपनी को तीन साल के भीतर प्रॉजेक्ट पूरा करना होगा.... BPT's marina project...
मरीना प्रॉजेक्ट के तहत प्रिंसेस डॉक के करीब 9.02 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 300 यॉट का पार्किंग स्थल तैयार होगा। बीपीटी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मरीना में यॉट की पार्किंग के साथ ही उसकी मरम्मत की भी व्यवस्था होगी। यॉट के लिए पेट्रोल भी मरीना में ही उपलब्ध करवाया जाएगा। मरीना में होटल का भी निर्माण होगा। महानगर में मौजूदा समय में 250 से अधिक निजी यॉट हैं। पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण यॉट गेट वे ऑफ इंडिया के करीब खड़े रहते हैं। इससे प्रदूषण के साथ ही गेट वे ऑफ इंडिया की सुंदरता भी प्रभावित हो रही है। मॉनसून के दौरान याट को पार्क करने के लिए अलीबाग भेजा जाता है... BPT's marina project...

