बंधुआ मजदूरी की दर्दनाक कहानी! दिनभर कुएं में काम, रात को बेड़ियों में बांधकर रखे जाते मजदूर

The painful story of bonded labourers working in wells...

बंधुआ मजदूरी की दर्दनाक कहानी! दिनभर कुएं में काम, रात को बेड़ियों में बांधकर रखे जाते मजदूर

कुएं में 14 घंटे काम करने की वजह से मजदूरों के पैर सड़ गए हैं. ठेकेदार इनका इलाज भी नहीं कराता था. मजदूरों ने बताया कि उन लोगों से दोगुना काम लिया जाता था, लेकिन कभी खाना भरपेट नहीं दिया गया.

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद (अब धाराशिव) से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर आपकी रूह कांप जाएगी. दरअसल, यह मामला क्या है, इसे देखने से पहले इन मजदूरों के पैरों को देखिए. किसी के पैर सड़ गए हैं तो किसी के पैर में बड़े-बड़े छाले पड़ गए हैं. आपको लगता होगा इन्हें कुछ बीमारी है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. ये मजदूर उसी के शिकार हुए हैं, जिसके पास ये अपना पेट भरने के लिए आए थे. दो जून की रोजी-रोटी कमाने आए थे....The painful story of bonded labourers working in wells...

तस्वीरों में आपको जो लोग दिख रहे हैं, यह अलग-अलग जिलों से आए हुए हैं. कोई हिंगोली जिले से, कोई नांदेड तो कोई बुलढाणा से है. इसमें मध्य प्रदेश का भी एक मजदूर है. यह सारे मजदूर अलग-अलग जगह के हैं, लेकिन किसी कारण वश यह महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में आ गए. कोई मां-बाप से झगड़ा कर आया था तो कोई कुछ कमाने के लिए आया....The painful story of bonded labourers working in wells...

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वाखरवाड़ी गांव के जंगल में मजदूरों से कराया जा रहा था काम

यहां इन्हें काम का झांसा देकर एक एजेंट द्वारा उस्मानाबाद जिले में भेजा गया. उस्मानाबाद में आने के बाद इन्हें एक ढाबे पर शराब पिलाई गई और फिर कुएं में काम करने के लिए उस्मानाबाद तहसील के वाखरवाड़ी गांव में इन्हें भेजा गया. यहां से शुरू हुई इन पर जुल्म की कहानी. मजदूरों को सुबह सात बजे से लेकर रात में सात बजे तक कुएं के काम कराया जाता. फिर रात में इन्हें कुछ थोड़ा बहुत खाने को दिया जाता....The painful story of bonded labourers working in wells...

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यह मजदूर भागकर न जाएं, इसलिए इन्हें जंजीर से बांधा जाता. 14 घंटे पानी में ही काम करने की वजह से मजदूरों के पूरे पैर सड़ गए. पैर सड़ने के बाद भी मजदूरों पर होने वाला जुल्म खत्म नहीं हुआ. यह लगभग 11 लोग थे, जिसमें से छह मजदूर अलग और पांच मजदूर अलग रखे जाते, लेकिन काम पर इनको साथ लाया जाता था....The painful story of bonded labourers working in wells...

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कुछ समय बाद इनमें से एक मजदूर किसी भागकर अपने घर पहुंचा और पूरी दास्तां अपने घरवालों को बताई. मजदूर के घरवालों ने इसकी जानकारी पुलिस थाने में दी. मजदूरों पर जुल्म को जानने के बाद पुलिस को भी यकीन नहीं आया, लेकिन घरवालों की विनती पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. पुलिस ने वहां जो कुछ भी देखा उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई.....The painful story of bonded labourers working in wells...

पुलिस ने इन मजदूरों को हैवानों से छुड़ा लिया और चार आरोपियों को भी मौके से गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कांट्रेक्टर कृष्णा बाळू शिंदे, संतोष, शिवाजी और जाधव है. इसमें से दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. वाशिम जिले के एक मजदूर ने बताया कि कैद में करने के बाद इन लोगों ने हमारे मोबाइल और पैसे ले लिए थे. हमें सुबह छह बजे हमे उठाया जाता और फिर कुएं में काम के लिए उतारा जाता.....The painful story of bonded labourers working in wells...

डबल मजदूरी कराते, पर खाना एक टाइम देते

10 बजे ऊपर बुलाकर कुछ खाने को देते थे. फिर तुरंत कुएं में उतार दिया जाता. इसके बाद रात में ही छोड़ते थे. मजदूर ने कहा कि अगर काम में कुछ गलती हो जाती तो फिर और पीटा जाता. पानी में रहने की वजह से हम लोगों के पैर में काफी छाले पड़ गए थे, फिर भी इन लोगों ने हमें छुट्टी नहीं दी.....The painful story of bonded labourers working in wells...

मजदूरों से जबरदस्ती लिया जा रहा था काम

पुलिस इंस्पेक्टर जगदीश राउत ने कहा कि हमें खबर मिली थी कि कुछ लोगों को जंजीरों से बांधकर रखा गया है और उनसे जबरदस्ती काम लिया जा रहा है. पहले हमें भरोसा नहीं हुआ, लेकिन फिर हमने एसपी अतुल कुलकर्णी को इस बात की जानकारी दी. उनके मार्गदर्शन में एक टीम बनाई गई. जब उस जगह पर जाकर देखा तो वहां पर सच में कुछ लोगों को जंजीर से बांधकर बंधक बनाया गया था....The painful story of bonded labourers working in wells...

पुलिस टीम ने सभी मजदूरों को छुड़ाया

ये लोग कुएं में काम करते हुए दिखे. पूछताछ में मजदूरों ने कहा कि इसी तरह और एक जगह पर करीब छह मजदूरों को बंधक बनाकर रखा गया है. जब हमारी टीम ने उस जगह पर जाकर देखा तो वहां पर भी मजदूर काम कर रहे थे. हमने रेस्क्यू कर 11 मजदूरों को छुड़ाया है. सभी को उनके घर भेजा जा रहा है....The painful story of bonded labourers working in wells...