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नासिक जिले से हजारों किसानों और आदिवासियों की पदयात्रा में शामिल हुए एक 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत!
A 58-year-old man, who joined the padyatra of thousands of farmers and tribals from Nashik district, died!
नासिक जिले से हजारों किसानों और आदिवासियों के मुंबई कूच में शामिल 58 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। नासिक में डिंडोरी के पास एक गांव के निवासी पुंडलिक अंबो जाधव को बेचैनी की शिकायत के बाद शुक्रवार दोपहर शाहपुर के एक अस्पताल ले जाया गया था। अधिकारी ने कहा कि बेहतर महसूस करने के बाद जाधव उस स्थान पर लौट आए, जहां प्रदर्शनकारी डेरा डाले हुए हैं।
ठाणे : नासिक जिले से हजारों किसानों और आदिवासियों के मुंबई कूच में शामिल 58 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। नासिक में डिंडोरी के पास एक गांव के निवासी पुंडलिक अंबो जाधव को बेचैनी की शिकायत के बाद शुक्रवार दोपहर शाहपुर के एक अस्पताल ले जाया गया था। अधिकारी ने कहा कि बेहतर महसूस करने के बाद जाधव उस स्थान पर लौट आए, जहां प्रदर्शनकारी डेरा डाले हुए हैं।
अपनी मांगों को लेकर पिछले रविवार को डिंडोरी से हजारों किसानों और आदिवासियों का 200 किलोमीटर पैदल मार्च शुरू हुआ था। यह मुंबई से लगभग 80 किमी दूर ठाणे जिले के वासिंद शहर में पहुंच गया है। किसानों और आदिवासियों की मांगों में प्याज किसानों को 600 रुपये प्रति कुंतल की सहायता देना, 12 घंटे की निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना और कृषि ऋण माफ किया जाना शामिल है।
अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार रात करीब आठ बजे भोजन करने के बाद जाधव को उल्टी हुई और फिर बेचैनी होने लगी। उन्हें शाहपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वासिंद थाने के प्रभारी ने कहा कि आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है और जाधव के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान सदन को सूचित किया था कि उन्होंने एक किसान प्रतिनिधिमंडल से 14 सूत्रीय मांग पर चर्चा की है, जिनमें वन पर अधिकार, वन भूमि पर अतिक्रमण, मंदिर न्यासों और चारागाह की जमीन किसानों को हस्तांतरित करने की मांग शामिल है। किसानों से विरोध-प्रदर्शन रोकने की अपील करते हुए शिंदे ने कहा कि लिए गए फैसलों को तत्काल लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेमौसमी बारिश और कम कीमत की वजह से नुकसान का सामना कर रहे प्याज उत्पादकों को प्रति कुंतल 350 रुपये की दर से वित्तीय राहत दी जाएगी।
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