एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बदला अपना सियासी स्टैंड...नगालैंड में बीजेपी-एनडीपीपी गठबंधन को दिया समर्थन
NCP chief Sharad Pawar changed his political stand ... supported BJP-NDPP alliance in Nagaland
एक तरफ जहां महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में एनसीपी की सहयोगी उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना बीजेपी को पानी पी-पीकर कोस रही है। इन सबके बीच शरद पवार ने नगालैंड में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन को अपना समर्थन दिया है। हालांकि, शरद पवार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गठबंधन को समर्थन देने का मतलब बीजेपी को समर्थन देना नहीं है। हालिया चुनाव में एनसीपी ने 7 सीटों पर कब्जा जमाया है। बीजेपी को 12 सीटें मिली हैं। वहीं एनडीपीपी ( नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी) ने कुल साठ सीटों में 25 सीटें इस चुनाव में जीती हैं।
मुंबई: एक तरफ जहां महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में एनसीपी की सहयोगी उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना बीजेपी को पानी पी-पीकर कोस रही है। इन सबके बीच शरद पवार ने नगालैंड में एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन को अपना समर्थन दिया है। हालांकि, शरद पवार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गठबंधन को समर्थन देने का मतलब बीजेपी को समर्थन देना नहीं है। हालिया चुनाव में एनसीपी ने 7 सीटों पर कब्जा जमाया है। बीजेपी को 12 सीटें मिली हैं। वहीं एनडीपीपी ( नेशनल डेमोक्रेटिक पीपुल्स पार्टी) ने कुल साठ सीटों में 25 सीटें इस चुनाव में जीती हैं।
एनडीपीपी और बीजेपी का चुनाव से पहले गठबंधन था। एनसीपी का कहना है कि इस मामले पर हमारी एनडीपीपी के नेफ्यू रियो के साथ पहले ही चर्चा हुई थी। एनसीपी ने नगालैंड की जनता के हित को ध्यान में रखते हुए रियो को समर्थन दिया है। एनसीपी के प्रवक्ता नरेंद्र वर्मा ने कहा कि नगालैंड में चुने हुए विधायकों की यह इच्छा थी कि जनता के हित के लिए हमें सरकार का हिस्सा होना चाहिए। बाद में यह मुद्दा शरद पवार के पास लाया गया। जिसपर पवार ने समर्थन देने की बात कही है। एनसीपी ने अपना स्टैंड साफ करते हुए कहा है कि हमारा समर्थन पूरी तरह से रियो के लिए है। बीजेपी को हमने अपना समर्थन नहीं दिया है।
हमने रियो के साथ हाथ मिलाया है बीजेपी के साथ नहीं। शरद पवार के इस फैसले का असर महाराष्ट्र में सहयोगी शिवसेना और कांग्रेस पर भी पड़ सकता है। उद्धव ठाकरे गुट के विधायक भास्कर जाधव की माने तो उन्हें एमवीए की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी नहीं है। चर्चा है कि विधानसभा बजट सत्र के एक दिन पहले बुधवार को एमवीए नेताओं की जॉइंट मीटिंग हुई। जिसमें अप्रैल और मई के महीने में जॉइंट रैलियों को लेकर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि इसी मीटिंग में नगालैंड में एनडीपीपी के समर्थन को लेकर भी चर्चा हुई। हालांकि, इस बात की भी चर्चा है की पवार ने उद्धव ठाकरे को इस बारे में विश्वास में नहीं लिया। साल 2014 के चुनाव में बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी।
हालांकि, वह बिना सहारे के सरकार बना पाने की हालत में नहीं थी। उस समय भी एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी को सरकार में बाहर से समर्थन देने की घोषणा की थी। उस समय देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के सीएम बने थे। पवार ने कहा कि चुनाव के पहले मेघालय में चुनाव के दौरान पीएम मोदी और अमित शाह ने विरोधियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। जबकि नतीजे आने के बाद उन्होंने उन्हीं के साथ सरकार बनाने के लिए गठबंधन कर लिया।
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