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Read More... मुंबई : उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राजनीतिक झटका; बहन और पूर्व नगरसेविका विमल ओंबले ने अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी में शामिल
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नगर निगम चुनाव में नाम वापस लेने के आखिरी दिन नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी ने बगावत को सफलतापूर्वक कुचल दिया, जबकि उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उनकी बहन और पूर्व नगरसेविका विमल ओंबले ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली और सीधे अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी में शामिल होकर एक बड़ा राजनीतिक झटका दिया। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी ने मेयर पद के लिए सुनील शिंदे को उम्मीदवार बनाया था। हालांकि, टिकट न मिलने पर नासिर मुलानी ने बगावत का झंडा उठा लिया था। मंत्री मकरंद पाटिल महाबलेश्वर आए और मुलानी को मना लिया। नतीजतन, मुलानी ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। इससे नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी संघर्ष थम गया और संगठन एकजुट रहा। बांद्रा किले में शराब परोसे जाने की तस्वीरों ने खड़ा कर दिया राजनीतिक बवाल; दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन
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बांद्रा किले में एक निजी सी लगने वाली पार्टी में शराब परोसे जाने की तस्वीरों ने राजनीतिक बवाल खड़ा कर दिया। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए पूछा कि इस ऐतिहासिक इमारत में शराब परोसने की इजाज़त कैसे दी गई। कुछ ही घंटों बाद, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। यह पार्टी शनिवार शाम को आयोजित की गई थी और रविवार तड़के तक जारी रही।वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट में काउंटर पर शराब की बोतलें दिखाई दे रही हैं। नई दिल्ली : बीजेपी नेताओं को बांध दो; ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक के बयान से पश्चिम बंगाल में एक बार फिर राजनीतिक माहौल गर्मा गया
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पश्चिम बंगाल में एक बार फिर राजनीतिक माहौल गर्मा गया है. तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को ऐसा बयान दे दिया, जिसने सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया. उन्होंने लोगों से कहा कि अगर कोई स्थानीय बीजेपी नेता उनके माता-पिता के जन्म प्रमाणपत्र मांगता है, तो उन्हें पेड़ या खंभे से बांध दें. अभिषेक बनर्जी का यह बयान उस वक्त आया जब अगरेपाड़ा के महाजाति नगर इलाके में रहने वाले 57 वर्षीय प्रदीप कर ने कथित रूप से एनआरसी जांच की दहशत में आत्महत्या कर ली. पुलिस को उनके पास से एक डायरी मिली है, जिसमें उन्होंने लिखा, मेरी मौत का जिम्मेदार एनआरसी है. मुंबई : राजनीतिक रूप ले चुका है कबूतरख़ाने बंद होने के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन; बीएमसी चुनावों से पहले नया “धार्मिक वोट बैंक” बनाने की कोशिश
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मुंबई की सियासत में आज एक अनोखा मोड़ देखा गया जब पशु कल्याण को लेकर शुरू हुआ विवाद ने अब एक राजनीतिक पार्टी को जन्म दे दिया है. पारंपरिक कबूतरख़ाने बंद होने के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन अब राजनीतिक रूप ले चुका है और शहरभर की चर्चा का केंद्र बन गया है. 