मुंबई के आरे कॉलोनी मिलीं देवी-देवताओं की पुरानी मूर्तियां... लगभग 350 साल से अधिक पुरानी होने का अनुमान
Old idols of deities found in Mumbai's Aarey Colony... Estimated to be more than 350 years old

सनातन इतिहास के अनेकों रहस्य को अपने गर्भ में समेटे धरती आज भी सदियों पुरानी पूजा पद्धति का प्रमाण जब-तब देती रहती है। अयोध्या, काशी मथुरा समेत न जाने कितने शहरों और उसके आसपास में मूर्तियों के दबे होने का दावा इतिहासकारों द्वारा किया जाता रहा है।
मुंबई : सनातन इतिहास के अनेकों रहस्य को अपने गर्भ में समेटे धरती आज भी सदियों पुरानी पूजा पद्धति का प्रमाण जब-तब देती रहती है। अयोध्या, काशी मथुरा समेत न जाने कितने शहरों और उसके आसपास में मूर्तियों के दबे होने का दावा इतिहासकारों द्वारा किया जाता रहा है।
जिसे एक वर्ग द्वारा कपोल कल्पना कहा जाता है तो एक वर्ग द्वारा वैदिक प्रमाण से आस्था को सिद्ध किया जाता है। इस बीच, मुंबई की आरे कॉलोनी के यूनिट-20 के एक सुनसान जगह से सैकड़ों साल पुरानी हिंदू देवी-देवताओं की पत्थर की मूर्तियां और एक पत्थर के शिवलिंग का एक हिस्सा मिलने से पुरातत्व विभाग के साथ आम लोगों में उत्साहपूर्ण जिज्ञासा देखने को मिल रही हैं।
उल्लेखनीय है कि स्थानीय निवासी जुबेर अंसारी द्वारा इन मूर्तियों को खोजा गया है, जिसे अब सीधा और साफ किया गया है। इन गहरे भूरे और काले पत्थर की मूर्तियों की उम्र 100 से 350 साल के बीच होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
स्थानीय लोग वैज्ञानिक कार्बन डेटिंग करने के लिए विशेषज्ञों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। अंसारी ने बताया कि इससे पहले मैं इस स्थान पर कीचड़ और लंबी घास में ढंके कुछ भारी पत्थर के टुकड़े देखता था जो सीप्झ सीमा के बहुत करीब है। जिज्ञासा से मैंने इन भारी पत्थर के हिस्सों को साफ किया।
घास हटाने के बाद कुछ मूर्तियां दिखाई दी जो जमीन पर पड़ी थीं। ये मूर्तियां भगवान शिव, दुर्गा, हनुमान और अन्य देवताओं की हैं। साथ ही शिवलिंग का हिस्सा भी है। लोगों को लगता है कि ये मूर्तियां कम से कम 500 साल पुरानी है लेकिन उनकी सही उम्र की पुष्टि के लिए विशेषज्ञों की प्रतीक्षा है।
दुर्गा की मूर्ति काफी अच्छी तरह से संरक्षित है। अपने योद्धा अवतार (कई हाथों से) को दिखाती है। हो सकता है कि आरे जंगल के भीतर कभी एक प्राचीन मंदिर रहा था जिनकी यह मूर्तियां हो सकती हैं। वनशक्ति एनजीओ के पर्यावरणविद् डी स्टालिन ने बताया कि आरे जंगल प्राचीन भारतीय अवशेषों का खजाना है, क्योंकि यह कन्हेरी गुफाओं के (संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर) पास है।
करीब ही महाकाली, जोगेश्वरी गुफाएं भी स्थित हैं। जिनमें अभी भी देवी देवताओं की मूर्ति है। उन्होंने कहा कि पुर्तगाली जेसुइट्स-सेंट जॉन द बैप्टिस्ट चर्च द्वारा निर्मित 16वीं शताब्दी के जीर्ण-शीर्ण चर्च के अवशेष अभी भी सीप्ज के अंदर देखे जा सकते हैं।