महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या करने को मजबूर...

Farmers forced to commit suicide in Maharashtra

महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या करने को मजबूर...

किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थमाने का नाम नहीं ले रहा है। कर्ज और खेती में हो रहे नुकसान की बलि चढ़ कर किसान महाराष्ट्र में आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। मराठवाड़ा और विदर्भ के किसान खेती और कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं।

मुंबई : किसानों की आत्महत्या का सिलसिला थमाने का नाम नहीं ले रहा है। कर्ज और खेती में हो रहे नुकसान की बलि चढ़ कर किसान महाराष्ट्र में आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं। मराठवाड़ा और विदर्भ के किसान खेती और कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं।

विगत दो दिनों में परभणी जिले के मानोली में आत्महत्या के दो मामले सामने आ चुके हैं। घर की आर्थिक परिस्थिति खराब होने और सिर पर कर्ज के पहाड़ से परेशान होकर २१ वर्षीय युवा सहित ५२ वर्षीय किसान के आत्महत्या का मामला सामने आया है।

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बता दें कि परभणी जिले में दो दिनों में आत्महत्या के दो मामले सामने आए हैं। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने और कर्ज में डूबने से परेशान हुए किसान आत्महत्या कर रहे हैं। नया मामला परभणी जिले का है, यहां मानवत तालुका मानोली निवासी २१ वर्षीय रवि सखाराम काकडे ने गत बुधवार को आत्महत्या कर ली, वहीं अगले दिन गुरुवार को ५२ वर्षीय ज्ञानोबा ज्ञानदेवराव भांड नामक किसान ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।

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घर की आर्थिक स्थिति खराब होने और सिर पर कर्जों का पहाड़ होने के चलते इन्होंने आत्महत्या की है, ऐसे जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि मानोली के सखाराम काकडे १५ वर्ष की उम्र से मजदूरी कर अपना जीवनयापन कर रहे थे। उन्हें रवि और त्रिवेणी दो बच्चे हैं।

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इसी बीच त्रिवेणी पिछले १० वर्षों से बीमार है और उसका इलाज मुंबई में चल रहा है। ऐसे में घर की आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई, वहीं दूसरा बेटा रवि काकडे पिछले कुछ दिनों से चप्पल खरीदने के लिए घर से पैसे मांग रहा था परंतु आर्थिक तंगी के चलते उसे पैसे नहीं मिले।

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ऐसे में उन्होंने घर की इस आर्थिक परिस्थिति से तंग आकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। वहीं दूसरी घटना मानोली की है, जहां ५२ वर्षीय ज्ञानोबा भांड की तीन एकड़ जमीन है। वे दूसरे के खेतों में मजदूरी करते थे। उन पर भी कर्ज था। ऐसे में घर की परिस्थिति खराब होने से कल उन्होंने भी खेत में फांसी लगा ली।

Sabri Human Welfare Foundation Ngo

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