
श्रद्धा वाकर की हत्या के बाद 'लव जिहाद' पर महाराष्ट्र सरकार का बड़ा कदम...इंटरकास्ट और इंटरफेथ शादियों को ट्रैक करने के लिए बनाई कमेटी
Maharashtra government's big step on 'love jihad' after Shraddha Walker's murder... Committee formed to track intercaste and interfaith marriages
श्रद्धा वाकर की हत्या के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इस तरह के मामलों से सख्ती से निपटने की बात कही थी। इसी बात पर अमल करते हुए अब महाराष्ट्र में इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज के संबंध में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो इस तरह के मामलों को ट्रैक करेगी। इसकी जद में 'लव जिहाद' के मामले भी आने वाले हैं।
श्रद्धा वाकर की हत्या के बाद महाराष्ट्र सरकार ने इस तरह के मामलों से सख्ती से निपटने की बात कही थी। इसी बात पर अमल करते हुए अब महाराष्ट्र में इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज के संबंध में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है, जो इस तरह के मामलों को ट्रैक करेगी। इसकी जद में 'लव जिहाद' के मामले भी आने वाले हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज के संबंध में अध्ययन करने और विस्तृत जानकारी जमा करने के लिए एक पैनल का गठन कर दिया है। 12 सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है और इसका नाम "इंटरकास्ट / इंटरफेथ विवाह-परिवार समन्वय समिति" रखा गया है। इसकी अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास मंत्री और भाजपा नेता मंगल प्रभात लोढ़ा करेंगे।
राज्य के विभाग के अनुसार, समिति इस तरह की शादियों में कपल के बारे में बड़े स्तर पर जानकारी जमा करेगी और अगर वे अलग हो जाते हैं तो शामिल महिलाओं के मायके वाले परिवारों के बारे में जानकारी जमा करेगी। यह घटनाक्रम श्रद्धा वाकर की हत्या के मामले में सामने आया है, जहां उनकी 'लिव-इन पार्टनर' आफताब पूनावाला ने हत्या की थी। इसके बाद भाजपा मंत्री लोढ़ा ने राज्य महिला आयुक्त को इस संबंध में एक टीम गठित करने का निर्देश दिया था।
इस प्रस्ताव के अनुसार, यह समिति महिलाओं के कल्याण की देखभाल करेगी। यह ऐसी महिलाओं की पहचान करेगी, जिन्होंने अपने मायके के परिवारों की मर्जी के खिलाफ शादी की है और उनसे अलग हो गई हैं। जरूरत पड़ने पर उन्हें सुरक्षा देने के बात भी की गई है।
यह मुद्दों को हल करने के लिए परामर्श और संचार तक पहुंचने के लिए महिलाओं और उनके परिवारों के लिए एक मंच भी प्रदान करेगी। इस पैनल में सरकारी के साथ-साथ गैर-सरकारी क्षेत्र के लोग भी शामिल होंगे। काम पूरा होते ही कमेटी भंग कर दी जाएगी।
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार राज्य विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में कानून लाने पर भी विचार कर रही है, जिसे विवाह के माध्यम से जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए बनाया गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि कानून यूपी सरकार की तर्ज पर होगा और दोषी पाए जाने वालों को 3-5 साल की कैद होगी। यदि पीड़िता नाबालिग है या अनुसूचित जाति आदि से है तो सजा अधिक कठोर होगी।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक राम कदम ने रिपब्लिक को बताया कि 'राज्य सरकार बहुत लंबे समय से कानून लाने पर विचार कर रही है। इस तरह के धर्मांतरण बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं हैं। अगर गलत इरादे हैं तो हमें इसे कहीं ना कहीं रोकना होगा। इस शीतकालीन सत्र में हम इस पर जरूर चर्चा करेंगे।'
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