शिंदे-फडणवीस का ठाकरे को झटका, CBI को जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार से परमिशन की जरूरत नहीं...

Shinde-Fadnavis shock to Thackeray, CBI does not need permission from Maharashtra government for investigation...

शिंदे-फडणवीस का ठाकरे को झटका, CBI को जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार से परमिशन की जरूरत नहीं...

महाराष्ट्र में किसी केस की जांच करने के लिए सीबीआई को राज्य सरकार को इसकी सूचना देनी होती थी और राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही सीबीआई जांच शुरू कर सकती थी. लेकिन अब से महाराष्ट्र में किसी केस की जांच के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से परमिशन की जरूरत नहीं होगी. सीबीआई सीधे किसी भी केस की जांच शुरू कर सकेगी.

महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में किसी केस की जांच करने के लिए सीबीआई को राज्य सरकार को इसकी सूचना देनी होती थी और राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही सीबीआई जांच शुरू कर सकती थी. लेकिन अब से महाराष्ट्र में किसी केस की जांच के लिए सीबीआई को राज्य सरकार से परमिशन की जरूरत नहीं होगी. सीबीआई सीधे किसी भी केस की जांच शुरू कर सकेगी.

सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार की पुरानी नीति को पलट दिया है. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार ने महाराष्ट्र राज्य के दायरे में आने वाले किसी भी केस की जांच के लिए यह फैसला किया था कि सीबीआई राज्य सरकार से परमिशन ले.

लेकिन शिंदे-फडणवीस सरकार का सीबीआई को ऐसे किसी भी बंधन से आजाद कर देना एक तरह से ठाकरे सरकार को झटका देने के समान ही है. महाविकास आघाड़ी का तर्क था कि केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आघाड़ी सरकार ने 21 अक्टूबर 2021 को यह फैसला लिया था कि सीबीआई को राज्य से संबंधित केस की जांच के लिए राज्य सरकार से परमिशन लेना जरूरी होगा.

महाविकास आघा़ड़ी सरकार के कई नेताओं के लिए खतरे की घंटी
अब महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार की बजाए शिंदे सरकार है. यह सरकार एक के बाद एक ठाकरे सरकार के फैसलों को बदलने का काम कर रही है. इसी सिलसिले में सीबीआई को शिंदे-फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र में जांच के लिए ‘जनरल कॉन्सेंट’ फिर से दे दिया है. इस फैसले से महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के कई नेताओं पर जो सीबीआई जांच शुरू है, उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली है और आसानी से नए केस खुलने का खतरा बढ़ गया है.

सीबीआई को अब केस खोलने के लिए राज्य सरकार के फैसले का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. महाराष्ट्र के कई मामले मुंबई पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने की मांग लगातार की जाती रही है. जब महाविकास आघाड़ी की सरकार थी तब तो विपक्ष में बीजेपी थी और वह कई मामलों की सीबीआई जांच की मांग किया करती थी. लेकिन आज का विपक्ष सीबीआई जांच की मांग शायद ही करेगा. हां सरकार जब चाहे यह कह पाएगी कि महाराष्ट्र या मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं तो सीबीआई जांच करवा लो.

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