
निगम की ट्रैकिंग खराब...महाराष्ट्र से ऑपरेट हो रही हेरिटेज की सफाई
The heritage cleaning being operated from Maharashtra... the company taking 1.10 crores of the waste collection
Maharashtra स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 में हेरिटेज निगम 26वें और ग्रेटर 33वें नंबर पर आया है। इनके पिछड़ने का प्रमुख कारण खराब सफाई व्यवस्था रही है। चौंकाने वाली बात ये सामने आई कि हेरिटेज निगम में महाराष्ट्र की कंपनी वेस्ट कलेक्शन में लगी है, जो वही से मॉनिटरिंग कर रही है।
Maharashtra : स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 में हेरिटेज निगम 26वें और ग्रेटर 33वें नंबर पर आया है। इनके पिछड़ने का प्रमुख कारण खराब सफाई व्यवस्था रही है। चौंकाने वाली बात ये सामने आई कि हेरिटेज निगम में महाराष्ट्र की कंपनी वेस्ट कलेक्शन में लगी है, जो वही से मॉनिटरिंग कर रही है।
इससे हेरिटेज निगम अफसरों को वाहनों की लोकेशन तक पता ही नहीं रहता है। वहीं, ग्रेटर निगम में कचरे के वाहनों पर लगे व्हीकल ट्रैकिंग को बंद हुए 2 साल से ज्यादा हो गया, जिसकी हैल्थ शाखा को जानकारी ही नहीं है। इसका असर यह हो रहा है कि डोर-टु-डोर वेस्ट कलेक्शन में लगे वाहन घर तक पहुंच ही नहीं रहे हैं।
इंदौर में एक ही निगम है, जिसमें 575 हूपर काम कर रहे हैं, जबकि जयपुर के दोनों निगमों में 685 हूपर लगे हैं। इनसे जयपुर में 61 फीसदी और इंदौर में 100 फीसदी कचरा उठाया जा रहा है। खराब मॉनिटरिंग के चलते यहां कचरा उठाने की व्यवस्था सुचारू नहीं चल पा रही है। इंदौर पिछले 6 साल से स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन है, जबकि जयपुर 20 स्थानों में भी जगह नहीं बना सका।
ग्रेटर निगम यूजर चार्ज लेने की तैयारी कर रहा है, जो राज्य सरकार ने निर्धारित किया हुआ है। 50 वर्ग मीटर तक 20 रुपए महीना और 50 से 300 वर्ग मीटर तक 80 और 300 से बड़े मकानों के एवज में 150 रुपए प्रति महीने देना होगा। इसके अलावा कॉमर्शियल भवनों की 20 कैटेगरी तय की गई है, जिसका यूजर चार्ज देना होगा।
भुगतान वसूली और कंपनी को भुगतान करना भी जोन उपायुक्त के ही जिम्मे होगा। वी-केयर कंपनी ने 25 हजार मालवीय जोन और 10 हजार मुरलीपुरा जोन में आरएफआईडी लगा दी है। दो महीने में दोनों जोन के सभी घरों में लग जाएंगे। उसके बाद रियल टाइम मॉनिटरिंग शुरू होगी।
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