Psychologist
Mumbai 

नाबालिग की मानसिक सेहत जांचते वक्त साइकलॉजिस्ट जरूरी - हाई कोर्ट

नाबालिग की मानसिक सेहत जांचते वक्त साइकलॉजिस्ट जरूरी - हाई कोर्ट न्यायमूर्ति ने यह भी स्पष्ट किया है कि जब भी पैनल नाबालिग की मानसिक सेहत का मूल्यांकन करे, तो उसमें एक साइकलॉजिस्ट हो। उसकी मौजूदगी में तैयार की जाने वाली रिपोर्ट ही किशोर न्याय बोर्ड को भेजी जाए, क्योंकि वह बेहतर ढंग से नाबालिग की शारीरिक व मानसिक स्थिति को समझ सकता है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बच्चे ने जघन्य अपराध किया है, फिर भी उसके खिलाफ वयस्कों की तरह मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।
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