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Maharashtra 

नागपुर से जो आदेश आएगा... वह बेचारे शिंदे को मानना ही पड़ता है - शरद पवार 

नागपुर से जो आदेश आएगा... वह बेचारे शिंदे को मानना ही पड़ता है - शरद पवार  राज्य में स्थानिक स्वराज्य संस्थाओं का चुनाव लगातार आगे धकेला जा रहा है। राज्य सरकार में लोगों के सामने जाने की ताकत नहीं है। कर्नाटक के चुनाव में लड़ते हुए मित्रपक्षों से हमने बात नहीं की, क्योंकि हमें वहां शून्य से शुरुआत करनी थी। वहां दलित अल्पसंख्यक, लिंगायत ऐसे सभी समाजों को मौका देने का प्रयोग किया गया है। हमने सभी सहयोगी दलों को वहां बोलने की छूट दी है। इसलिए किसी की आलोचना करनी है तो वह कर सकता है।
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