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नई दिल्ली : आईआईटी खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने एआई का इस्तेमाल करके 'रेल ट्रैक इंस्पेक्शन रोबोट' तैयार किया

नई दिल्ली : आईआईटी खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने एआई का इस्तेमाल करके 'रेल ट्रैक इंस्पेक्शन रोबोट' तैयार किया रेल पटरियों में किसी भी तरह की गड़बड़ी का अब रोबोट के माध्यम से आसानी से पता लगाया जा सकेगा। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) खड़गपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करके 'रेल ट्रैक इंस्पेक्शन रोबोट' तैयार किया है। साल 2018 से इस रोबोट के संबंध में अनुसंधान किया जा रहा था।
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हांगकांग के एक छोटे से तालाब में मौजूद है 24 आखों वाली ये भयानक मछली, वैज्ञान‍िक भी देखकर हैं हैरान

हांगकांग के एक छोटे से तालाब में मौजूद है 24 आखों वाली ये भयानक मछली, वैज्ञान‍िक भी देखकर हैं हैरान जेलिफ़िश का पता लगाने के ल‍िए हाल ही में अंतरराष्ट्रीय अकादमिक जर्नल जूलॉजिकल स्टडीज में नई प्रजातियों का वर्णन करने वाले एक पेपर में प्रकाशित किया गया था। शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने जेलीफ़िश के सैंपल जमा क‍िए, जिसमें 2020 से 2022 के गर्मियों के दौरान 'माई पो' नेचर रिजर्व में एक खारे झींगा तालाब से नई प्रजाति शामिल थी, जिसे स्थानीय रूप से "गीई वाई" कहा जाता है। हांगकांग बैप्टिस्ट यूनिवर्सिटी (एचकेबीयू) में जीव विज्ञान विभाग के एक प्रोफेसर किउ जियानवेन ने कहा, "हमने नई प्रजाति का नाम ट्रिपेडालिया माईपोएंसिस रखा है, ताकि इसके प्रकार के इलाके को प्रतिबिंबित किया जा सके, जहां नई प्रजाति पहली बार पाई गई थी।
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चीन के बायोलैब में क्या बन रहे महाविनाशक वायरस... वैज्ञानिकों की चेतावनी ने सबको डराया, कोरोना से भी बड़ा खतरा

चीन के बायोलैब में क्या बन रहे महाविनाशक वायरस...  वैज्ञानिकों की चेतावनी ने सबको डराया, कोरोना से भी बड़ा खतरा चीन के वुहान में कोविड -19 का पता चले हुए तीन साल से ज्यादा हो चुके है. इसके बाद भी ये रहस्य कायम है कि आखिर ये पहली बार आया कहां से. वहीं इसको लेकर हाल ही में दावा किया गया कि कोरोना महामारी एक चीनी लैब से लीक हुई है. इस दौरान FBI के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा कि कोविड-19  एक चीनी सरकार के अधीन लैब से लीक हुआ है.
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