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सीएसएमटी स्टेशन पर अपर्याप्त शौचालय के कारण यात्रियों की दुर्दशा...

सीएसएमटी स्टेशन पर अपर्याप्त शौचालय के कारण यात्रियों की दुर्दशा... मध्य रेलवे के सबसे व्यस्त स्टेशनों में से एक सीएसएमटी से हर दिन 11 लाख से अधिक यात्री यात्रा करते हैं। सीएसएमटी स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर 5-6 के सामने हजारों यात्री शौचालय का उपयोग करते हैं। पुरुषों के लिए एक वातानुकूलित शौचालय जनवरी 2024 में खोला गया था। इस प्रकार, पुरुषों के लिए वातानुकूलित और सामान्य दो शौचालय उपलब्ध थे। लेकिन कुछ दिन पहले महिलाओं और पुरुषों के लिए बने सामान्य शौचालय को अचानक बंद कर दिया गया. पुरुषों के लिए वातानुकूलित शौचालय का विकल्प उपलब्ध है। हालांकि, स्टेशन पर भीड़ को देखते हुए हजारों यात्रियों को टॉयलेट जाने के लिए लाइन में लगना पड़ता है.
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गोवंडी के शताब्दी अस्पताल में ECG तकनीशियनों की कमी... मरीजों की दुर्दशा

गोवंडी के शताब्दी अस्पताल में ECG तकनीशियनों की कमी... मरीजों की दुर्दशा शताब्दी अस्पताल शिव-पनवेल राजमार्ग, घाटकोपर-मानखुर्द रोड और ईस्ट फ्रीवे के निकट है। नतीजा यह है कि दुर्घटना होने पर सबसे पहले घायलों को शताब्दी अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। इसके बाद उन्हें शिव या केईएम अस्पताल भेजा जाता है. लेकिन यहां ईसीजी तकनीशियन नहीं होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.
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मुंबई में नालों को स्थिति बद से बदतर, आगामी मानसून में दुर्दशा...

मुंबई में नालों को स्थिति बद से बदतर, आगामी मानसून में दुर्दशा... मुंबई में नालों की सफाई का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है। मुंबई में ज्यादातर बड़े नाले कचरे से पटे पड़े हैं। हालत यह है कि कचरे से पटे पड़े नालों को दूर से देखकर लंबी सुनसान सड़क का आभास होता है। वास्तविकता यह है कि मुंबई में नालों को स्थिति बद से बदतर हो गई है। राज्य सरकार के प्रशासक मुंबई में नालों की सफाई को लेकर दुर्लक्ष कर रहे हैं। मतलब ध्यान नहीं दे रहे हैं।
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पालघर में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली ने फिर ले ली एक मासूम की जान...

पालघर में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली ने फिर ले ली एक मासूम की जान... पालघर जिले के सरकारी अस्पतालो में स्वास्थ्य सेवाएं दिनों दिन बिगड़ती जा रही है,जिससे गर्भवती महिलाओ और बच्चो की मौत का दर्दनाक सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग की कुंभकर्णी नींद टूटती नही दिख रही है। मोखाड़ा में गर्भवती महिला को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर परिजन भटकते रहे। लेकिन समय पर इलाज नहीं मिला जिससे नवजात की मौत हो गई।
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