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Read More... मुंबई : बारिश के कारण प्याज की फसल खराब; कीमतें एक बार फिर से आसमान छूने जा रही हैं!
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By Online Desk
दक्षिण और मध्य भारत में जबरदस्त बारिश हुई है. मई के महीने में बारिश के कारण कई फसलें खराब हो हुई हैं. कुछ ऐसा ही हाल देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक महाराष्ट्र के साथ भी हुआ है. जहां पर भारी बारिश के कारण करोड़ों रुपयों की प्याज की फसल खराब हो गई है. जिसकी वजह से महाराष्ट्र में प्याज उत्पादकों के एक संगठन ने पिछले महीने राज्य में हुई भारी बारिश के कारण अपनी फसल खोने वाले किसानों के लिए 1 लाख रुपये प्रति एकड़ के मुआवजे की मांग की है. मुंबई : प्याज की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई, जहां प्याज मात्र 100 रुपये प्रति क्विंटल
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By Online Desk
महाराष्ट्र की प्रमुख मंडियों में प्याज की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई, जहां प्याज मात्र 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिका. इस गिरावट से प्याज उत्पादक किसान बेहद परेशान और आर्थिक रूप से कमजोर हो रहे हैं. खेती की लागत, मेहनत और समय के बावजूद उन्हें अपने उत्पाद का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है. जहां एक ओर खुदरा बाजार में प्याज की कीमतें 15 से 20 रुपये प्रति किलो हैं, सुप्रिया सुले ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध बढ़ाने के सरकार के फैसले पर कहा, "यह किसान विरोधी सरकार है"
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By Online Desk
भारत ने दिसंबर 2023 की शुरुआत में मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। डीजीएफटी अधिसूचना में कहा गया है कि हालांकि, देशों द्वारा किए गए अनुरोधों के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा अन्य देशों को दी गई अनुमति के आधार पर प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाएगी। . हालाँकि, इस महीने की शुरुआत में, केंद्र ने बांग्लादेश को 50,000 टन प्याज और संयुक्त अरब अमीरात को 14,400 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी थी। डीजीएफटी अधिसूचना में कहा गया है कि संयुक्त अरब अमीरात को निर्यात के लिए हर तिमाही में 3,600 टन की सीमा रखी गई है। सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं तेलंगाना, गुजरात और कर्नाटक में भी कम हुई प्याज की खेती, जानिए कितना घटा उत्पादन
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By Online Desk
मुंबई: प्याज निर्यात पर रोक लगाए जाने के बाद देश भर में उपभोक्ताओं को मामूली राहत मिली है, लेकिन इसकी वजह से किसानों का बड़ा नुकसान हो गया है. महाराष्ट्र में प्याज का न्यूनतम दाम कई मंडियों में सिर्फ एक रुपये प्रति किलो रह गया है. पिछले दो साल से राज्य में ऐसे ही हालात हैं. सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं दूसरे राज्यों में भी प्याज उत्पादक किसान नुकसान झेल रहे हैं. इसलिए देश के पांच बड़े प्याज उत्पादक सूबों में किसानों ने इसकी खेती कम कर दी है. 