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सुबह-सुबह तेज भूकंप के झटकों से हिले महाराष्ट्र-अरुणाचल प्रदेश...

सुबह-सुबह तेज भूकंप के झटकों से हिले महाराष्ट्र-अरुणाचल प्रदेश... राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, महाराष्ट्र के हिंगोली में 10 किमी की गहराई पर भूकंप का केंद्र रहा है. भूकंप के झटकों को सुबह 6.08 बजे महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई. 4 से लेकर 4.9 की तीव्रता वाले भूकंप को हल्के भूकंप के तौर पर परिभाषित किया जाता है. ऐसे में महाराष्ट्र में आया भूकंप हल्की तीव्रता वाला रहा, लेकिन इसकी वजह से लोगों के मन में डर जरूर पैदा हुआ. कुछ लोग झटके महसूस करने के बाद घर से बाहर निकल आए.
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राज का अडानी के खिलाफ मोर्चे को लेकर सख्त टिप्पणी, अब क्यों जागे महाविकास आघाड़ी के नेता...

राज का अडानी के खिलाफ मोर्चे को लेकर सख्त टिप्पणी, अब क्यों जागे महाविकास आघाड़ी के नेता...  राज ठाकरे ने धारावी पुनर्विकास परियोजना अडानी को देने पर आपत्ति प्रकट करते हुए कहा कि मुंबई में बड़ी परियोजना आ रही है, इसे अडानी को क्यों दिया गया। सब कुछ यहीं से शुरू होता है। अडानी के पास ऐसा क्या है जो एयरपोर्ट, कोयला सब कुछ संभाल सकता है? टाटा जैसी और भी कई बड़ी कंपनियां हैं।
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पश्चिमी जापान के इशिकावा में 6.3 तीव्रता के तेज भूकंप के झटके... सुनामी की कोई चेतावनी नहीं

पश्चिमी जापान के इशिकावा में 6.3 तीव्रता के तेज भूकंप के झटके... सुनामी की कोई चेतावनी नहीं भूकंप के बाद इमारतों और लोगों को हुए नुकसान होने को लेकर जांच की जा रही है। साथ ही अधिकारियों के साथ मिलकर आपातकालीन-आपदा उपायों को लागू करने की कोशिश की जा रही है। खबर के मुताबकि, इशिकावा प्रांत में 10 किलोमीटर की गहराई में भूकंप आया है जो कि केंद्र नागोया से उत्तर दिशा में 260 किलोमीटर की दूरी पर रहा। इससे रेलवे की कुछ लाइनों पर यातायात भी प्रभावित हुआ है। कुछ ट्रैक पर सेवाएं भी बंद की गई हैं। भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है।
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लोकतंत्र मजबूत रहे, इसके लिए मीडिया का स्वतंत्र रहना जरूरी है - सुप्रीम कोर्ट 

लोकतंत्र मजबूत रहे, इसके लिए मीडिया का स्वतंत्र रहना जरूरी है - सुप्रीम कोर्ट  अदालतें एक दस्तावेज से संवेदनशील हिस्सों को हटा सकती हैं और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करने के लिए न्यायिक कार्यवाही के दौरान इसे दूसरे पक्ष को बता सकती हैं। मीडिया द्वारा सरकार की नीतियों की आलोचना को राष्ट्रविरोधी नहीं करार दिया जा सकता है। बता दें कि केंद्र सरकार ने जनवरी में ‘सुरक्षा कारणों’ का हवाला देते हुए मलयालम न्यूज चैनल ‘मीडियावन’ के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिलने के बाद सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस चैनल के ब्रॉडकास्ट लाइसेंस को रिन्यू करने से इनकार कर दिया था।
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