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मुंबई : कूपर अस्पताल में कई ज़रूरी दवा स्टॉक से बाहर

मुंबई : कूपर अस्पताल में कई ज़रूरी दवा स्टॉक से बाहर जुहू स्थित बीएमसी द्वारा संचालित कूपर अस्पताल में आने वाले मरीज़ महीनों से कई ज़रूरी और मानसिक दवाओं के स्टॉक से बाहर होने के कारण जूझ रहे हैं। अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि यह संकट लगभग छह महीने से जारी है, जिससे कई मरीज़ों – खासकर कम आय वाले परिवारों के – को निजी फ़ार्मेसियों से महंगी दवाएँ खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है। मानसिक रोगियों के परिवारों के लिए, स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक हो गई है। अंधेरी पूर्व में मानसिक विकलांगता से ग्रस्त उन्नीस वर्षीय सुजय सरदार, 2024 से कूपर अस्पताल में मनोरोग देखभाल में हैं। उनके पिता, 58 वर्षीय अनंत ने कहा कि पिछले छह महीनों से, परिवार को अस्पताल में शायद ही कभी निर्धारित दवाएँ मिली हों।
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वसई : अवैध मेडिकल स्टोर पर एफडीए ने मारा छापा; 85,000 की दवाइयां जब्त

वसई : अवैध मेडिकल स्टोर पर एफडीए ने मारा छापा; 85,000 की दवाइयां जब्त वसई में खाद्य एवं औषध प्रशासन (एफडीए) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक अस्पताल के एक कमरे में अवैध रूप से चल रहे दवा की दुकान का भंडाफोड़ किया है। एफडीए की टीम ने इस गैरकानूनी मेडिकल स्टोर पर छापा मारा और करीब 85,000 की दवाइयां जब्त कीं। यह अवैध मेडिकल स्टोर एक बारहवीं पास व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा था।
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बांद्रा : अवैध रूप से दवाइयों का आयात करने और बिना रसीद के उन्हें बेचने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज 

बांद्रा : अवैध रूप से दवाइयों का आयात करने और बिना रसीद के उन्हें बेचने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज  बांद्रा पुलिस ने अवैध रूप से दवाइयों का आयात करने और बिना रसीद के उन्हें बेचने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज की है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) की शिकायत के आधार पर 28 मार्च को दर्ज किए गए इस मामले में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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मुंबई : दवाखानों में फार्मासिस्ट नहीं; नर्सें मरीजों को बांट रही हैं दवा 

मुंबई : दवाखानों में फार्मासिस्ट नहीं; नर्सें मरीजों को बांट रही हैं दवा  राज्य की पिछली शिंदे सरकार ने पूरे राज्य में आपला दवाखाना (छोटे अस्पताल) खोले थे। ये अस्पताल चल तो रहे हैं, पर वहां नर्सें मरीजों को दवा बांट रही हैं। यह अनुचित है। सरकार ने तब वादा किया था कि दवा बांटने के लिए फार्मासिस्ट नियुक्त किए जाएंगे, आज तक असने यह वादा पूरा नहीं किया, जिससे यह काम नर्सें कर रही हैं।  गत शिंदे सरकार ने राज्यभर में ३४८ आपला दवाखाना खोले थे। देखा गया है कि इन दवाखानों में नर्सें ही दवाइयां वितरित कर रही हैं।
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