मुंबई : मेट्रो ने अपनी सुरक्षा और संचालन क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में उठाया बड़ा कदम
Mumbai: Metro takes major step towards strengthening its safety and operational capabilities
मुंबई मेट्रो ने अपनी सुरक्षा और संचालन क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मेट्रो नेटवर्क में पहली बार एक स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित व्हील प्रोफाइल मेजरमेंट सिस्टम लगाया गया है। यह सिस्टम ट्रेन के पहियों में होने वाले घिसाव या संभावित क्षति का सटीक आकलन करेगा। साथ ही, समय रहते मरम्मत या बदलाव की सलाह दे सकता है।
मुंबई : मुंबई मेट्रो ने अपनी सुरक्षा और संचालन क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। मेट्रो नेटवर्क में पहली बार एक स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित व्हील प्रोफाइल मेजरमेंट सिस्टम लगाया गया है। यह सिस्टम ट्रेन के पहियों में होने वाले घिसाव या संभावित क्षति का सटीक आकलन करेगा। साथ ही, समय रहते मरम्मत या बदलाव की सलाह दे सकता है।
इससे मेट्रो की निगरानी बेहतर ढंग से होगी। यह अत्याधुनिक तकनीक IntelliRail कंपनी ने तैयार की है। इसे मुंबई मेट्रो की लाइन 2A और लाइन 7 पर स्थापित किया गया है। इस सिस्टम का उद्देश्य ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाना, पहियों की उम्र बढ़ाना और ट्रैकों पर दबाव कम करना है। कंपनी के अनुसार यह तकनीक लगातार डायग्नोस्टिक इनसाइट्स शेयर करती है। इससे संचालन और सुगम होता है और अचानक आने वाली खराबी और मेंटनेंस से बचा जा सकता है।
- IntelliRail ने बताया कि उनका IntelliWPMS सिस्टम सेंसर, कैमरा और लेजर के नेटवर्क से मिलकर बना है। यह पहियों के पैरामीटर्स को अत्यधिक सटीकता के साथ कैप्चर करता है।
- - मशीन विजन तकनीक विश्लेषण की गति और गुणवत्ता को और बेहतर बनाती है, जबकि मानवीय हस्तक्षेप को कम करती है।
- - कंपनी के सीईओ पियूष निगम के अनुसार, यह इंस्टॉलेशन कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सरकार के 'मेक इन इंडिया' पहल पर पूरा उतरती है। उन्होंने कहा कि भारतीय रेलवे में ऐसे सिस्टम लगाने पर पांच सालों से चर्चा चल रही है।
कंपनी का कहना है कि यह सिस्टम नॉन-कॉन्टैक्ट मेजरमेंट तकनीक पर आधारित है। यह टेक्नोलॉजी उपकरणों और ऑपरेशन की सुरक्षा सुनिश्चित करती है। इसमें 0.5 मिमी तक की सटीकता से व्हील प्रोफाइल और 1.0 मिमी तक की सटीकता से डायमीटर को मापा जा सकता है। पहियों में मामूली अनियमितताएं भी इस तकनीक से पकड़ी जा सकती हैं, जो ट्रेन की सुरक्षा और प्रदर्शन पर असर डाल सकती हैं। यह सिस्टम मुंबई मेट्रो के चर्कोप डिपो में लगाया गया है। मेट्रो को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में यह एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। IntelliRail ने कहा कि अब हम भारत को कंडीशन-बेस्ड मेंटेनेंस मॉडल की ओर ले जाएंगे। रिमोट मॉनिटरिंग, सेंसर और डेटा एनालिटिक्स के जरिए मेट्रो संपत्तियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और रखरखाव की लागत कम होगी।

