मुंबई : सैकड़ों लोग मारे गए और किसी के दबाव में आपने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया, यह देश के साथ बेईमानी है - उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
Mumbai: Hundreds of people were killed and under pressure from anyone you did not attack Pakistan,
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद विदेशी दबाव के कारण पाकिस्तान पर हमला न करने का तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार का फैसला विश्वासघात के समान था। शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में शिंदे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की उस टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने तत्कालीन संप्रग सरकार के सैन्य कार्रवाई न करने के फैसले के बारे में कहा था।
मुंबई : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद विदेशी दबाव के कारण पाकिस्तान पर हमला न करने का तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार का फैसला विश्वासघात के समान था। शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में शिंदे ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की उस टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने तत्कालीन संप्रग सरकार के सैन्य कार्रवाई न करने के फैसले के बारे में कहा था।
शिंदे ने कहा, “सैकड़ों लोग मारे गए और किसी के दबाव में आपने पाकिस्तान पर हमला नहीं किया। यह लाचारी और कायरता है। यह देश के साथ बेईमानी है। यह भारत के लोगों के साथ विश्वासघात है।” उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सशस्त्र बलों ने पहलगाम आतंकी हमले का कड़ा जवाब दिया। शिंदे ने कहा, “खून का जवाब खून से दिया गया और गोलियों का जवाब तोपों से दिया गया।”
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया और संदेश दिया कि भारत और उसके पड़ोसी के बीच कोई और देश नहीं आएगा। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ़ मोदी ही कह सकते थे और हमें इस पर गर्व होना चाहिए।” हाल में एक पॉडकास्ट में, चिदंबरम ने कहा कि मुंबई आतंकी हमले के बाद वह सैन्य कार्रवाई के पक्षधर थे, लेकिन संप्रग सरकार ने अंततः ऐसा कदम उठाने से मना कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका समेत विश्व शक्तियां चाहती थीं कि भारत युद्ध शुरू न करे।
शिंदे ने कहा, “हमारे सामने पाकिस्तान कौन है? एक गीदड़…सिर्फ खाल ओढ़ लेने से शेर नहीं बन जाता।” उन्होंने कहा, “शेर हमेशा शेर ही रहता है और प्रधानमंत्री मोदी भी शेर की तरह हैं।” प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पर निशाना साधते हुए शिंदे ने तंज कसा कि उनकी दशहरा रैली पाकिस्तान में होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, “आपकी रैली पाकिस्तान में होनी चाहिए थी और आपको पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करना चाहिए था।
शिंदे ने दावा किया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) ने भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता पर सवाल उठाया और “पाकिस्तान की भाषा बोली।” शिवसेना (उबाठा) नेताओं ने पूर्व में कहा था कि शिंदे को सूरत में अपनी पार्टी की रैली करनी चाहिए और अमित शाह को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करना चाहिए। शिंदे ने प्रतिद्वंद्वी गुट से कहा, “हमारी रैली भारत में हो रही है और अगर यह सूरत में होती है, तो हम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को आमंत्रित करने में संकोच नहीं करेंगे। आपको हमारी आलोचना करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।” उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी पाकिस्तान का रुख दोहराने का आरोप लगाया।

