मुंबई : पानी भरने की हालात से निपटने नालों को चौडा करने की कवायद... 55 मिमी पानी ले जाने की क्षमता को 120 करने की जरूरत 

Mumbai: Efforts are being made to widen the drains to deal with the waterlogging situation... The capacity of carrying 55 mm water needs to be increased to 120 mm

मुंबई : पानी भरने की हालात से निपटने नालों को चौडा करने की कवायद... 55 मिमी पानी ले जाने की क्षमता को 120 करने की जरूरत 

2005 बाढ़ के बाद गठित चितले कमेटी ने नालों की क्षमता बढ़ कर 55 मिमी प्रति घंटा करने का सुझाव दिया था। मनपा अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर ने बताया कि 26 मई की मुंबई में हुई भारी बारिश की घटना के बाद एक बार फिर नालों को चौड़ा करने की कवायद शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि मुंबई में बारिश का पैटर्न बदल गया है। पिछले 10 वर्षों में बारिश का धनत्व बढ़ता जा रहा है। अब 100 मिमी से लेकर 182 मिमी बारिश एक घंटे में हो रही है।

मुंबई : जलवायु के बदलते से अब कुछ ही घंटों में पूरे प्रकोप दिन भर की बारिश हो जा रही है। जिससे मुंबई जैसे सात टापुओं से घिरे में बाढ़ होने का प्रमाण शहर बढ़ता जा रहा है। 26 मई को हुई भारी से मुंबई में आई बाढ़ के बाद को एक बार फिर चौड़ा बारिश नालों करने की कवायद शुरू हो गई है। अब की क्षमता 125 मिमी पानी बहा ले जाने की नालों बारिश के क्षमता का करना है ऐसा निर्णय लिया है जबकि अभी 55 मिमी पानी बहाने की क्षमता इन जा रहा बारिश का नालों की है। उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई 2005 में मुंबई में आई प्रलय कारी बाढ़ के बाद मुंबई के नालों को 25 मिमी की क्षमता से बढाकर 55 मिमी क्षमता का करने का निर्णय लिया गया।

बीस साल बीत जाने के बाद भी अभी तक यह काम पूरा नहीं हो पाया है। अभी मात्र 90 प्रतिशत काम पूरा हो पाया है। 2005 बाढ़ के बाद गठित चितले कमेटी ने नालों की क्षमता बढ़ कर 55 मिमी प्रति घंटा करने का सुझाव दिया था। मनपा अतिरिक्त आयुक्त अभिजीत बांगर ने बताया कि 26 मई की मुंबई में हुई भारी बारिश की घटना के बाद एक बार फिर नालों को चौड़ा करने की कवायद शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि मुंबई में बारिश का पैटर्न बदल गया है। पिछले 10 वर्षों में बारिश का धनत्व बढ़ता जा रहा है। अब 100 मिमी से लेकर 182 मिमी बारिश एक घंटे में हो रही है।

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पिछले वर्ष 16 बार एक घंटे 100 मिमी बारिश दर्ज की गई। जबकि चार घंटे 28 बार 182 मिमी बारिश दर्ज हुई। नालों की क्षमता 55 मिमी होने से पानी निकासी की क्षमता बढ़ाने की जरुरत महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि पानी निकासी वाले नालों की क्षमता को बढ़ाकर 120 मिमी किया जाना चाहिए। विशेषज्ञों के इस सुझाव पर मनपा नालों की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले जिन इलाकों में अधिक जलजमाव हो रहा है वहां के नालों की चौड़ाई बढ़ा कर पानी निकासी की समस्या को दूर करना होगा।

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