प्रजा फाउंडेशन का दावा, मुंबईकरों को सुविधा देने में मनपा हो रही फेल... 2015 की तुलना में 2024 में बढ़ीं शिकायतें
Praja Foundation claims that the Municipal Corporation is failing to provide facilities to Mumbaikars... Complaints increased in 2024 as compared to 2015
प्रजा फाउंडेशन ने जानकारी दी है कि प्रदूषण संबंधी शिकायतों में 334 प्रतिशत, अवैध संपत्तियों को लेकर 747 प्रतिशत, कचरा प्रबंधन से जुड़ी शिकायतों में 380 प्रतिशत और जल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों में 88 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा नागरिकों ने स्कूल, मल-निस्सारण, उद्यान, सड़क, वायु प्रदूषण, गंदा पानी, टॉयलेट की खराब स्थिति, भवन निर्माण, कीट नियंत्रण और लाइसेंस से संबंधित समस्याओं पर भी शिकायत दर्ज कराईं। मल-निःसरण से संबंधित 2015 में जहां 9,904 शिकायत थी, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 15,701 हो गई, जो लगभग 59 प्रतिशत की वृद्धि है।
मुंबई : मनपा प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवा सुविधा में गिरावट होने का आरोप प्रजा फाउंडेशन ने लगाया है। फाउंडेशन के अनुसार वर्ष 2024 में मुंबईकरों ने मनपा को अपने विभिन्न कार्यों को लेकर 1,15,396 शिकायतें दर्ज कराई, जबकि 2015 में यह संख्या 67,773 थी। इस तरह 2015 की तुलना में 2024 में शिकायतों की संख्या में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रजा फाउंडेशन ने आरोप लगाया है कि मुंबई महानगरपालिका द्वारा कचरा प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण, जल आपूर्ति और मल-निस्सारण जैसे बुनियादी सेवाओं के लिए हर साल हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं इसके बावजूद नागरिक समस्याएं लगातार बनी हुई हैं।
प्रजा फाउंडेशन ने जानकारी दी है कि प्रदूषण संबंधी शिकायतों में 334 प्रतिशत, अवैध संपत्तियों को लेकर 747 प्रतिशत, कचरा प्रबंधन से जुड़ी शिकायतों में 380 प्रतिशत और जल आपूर्ति से संबंधित शिकायतों में 88 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा नागरिकों ने स्कूल, मल-निस्सारण, उद्यान, सड़क, वायु प्रदूषण, गंदा पानी, टॉयलेट की खराब स्थिति, भवन निर्माण, कीट नियंत्रण और लाइसेंस से संबंधित समस्याओं पर भी शिकायत दर्ज कराईं। मल-निःसरण से संबंधित 2015 में जहां 9,904 शिकायत थी, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 15,701 हो गई, जो लगभग 59 प्रतिशत की वृद्धि है।
सड़क संबंधी शिकायतों में गिरावट आई
सड़क संबंधी शिकायतों में गिरावट आई है, 2015 में शिकायत का प्रमाण 13,539 था जो 2024 में घटकर 9,800 रह गई। स्कूलों की खराब स्थिति पर 30 प्रतिशत अधिक शिकायतें आई हैं। प्रजा फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिलिंद म्हास्के के अनुसार शहर में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था बिखरती जा रही है। 2015 से अब तक इस विषय में शिकायतों में 380 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुंबई में आज भी कचरे की निपटान प्रक्रिया सिर्फ देवनार और कांजूरमार्ग के दो डम्पिंग ग्राउंड तक ही सीमित है। हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कांजूरमार्ग का उपयोग वैकल्पिक डम्पिंग ग्राउंड खोजने का आदेश दिया है।
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