मुंबई : 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में शहीद पुलिस कांस्टेबल अंबादास पवार की पत्नी डिप्टी एसपी नियुक्त
Mumbai: Wife of police constable Ambadas Pawar, martyred in 26/11 Mumbai terror attacks, appointed Deputy SP
महाराष्ट्र सरकार ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में शहीद हुए पुलिस कांस्टेबल अंबादास पवार की पत्नी कल्पना पवार को प्रोबेशनरी डिप्टी एसपी (उप पुलिस अधीक्षक) के पद पर नियुक्त किया है। यह फैसला मंगलवार को लिया गया। इस नियुक्ति का आदेश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जारी किया। वहीं कल्पना पवार ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने आम जनता को न्याय दिलाने की दिशा में काम किया है।
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में शहीद हुए पुलिस कांस्टेबल अंबादास पवार की पत्नी कल्पना पवार को प्रोबेशनरी डिप्टी एसपी (उप पुलिस अधीक्षक) के पद पर नियुक्त किया है। यह फैसला मंगलवार को लिया गया। इस नियुक्ति का आदेश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जारी किया। वहीं कल्पना पवार ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने आम जनता को न्याय दिलाने की दिशा में काम किया है।
'पति की तरह मुझे भी जनता का सेवा करने का मिलेगा मौका'
अपनी नियुक्ति पर कल्पना पवार ने कहा, 'मेरे पति की तरह मुझे भी अब लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है। मेरी नियुक्ति यह साबित करती है कि यह सरकार किसानों, मजदूरों, महिलाओं और देश के लिए बलिदान देने वालों की है'।
शहीद अंबादास पवार की बहादुरी
26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुआ आतंकी हमला देश के इतिहास का एक काला दिन था। उस दिन आतंकियों ने मुंबई के कई स्थानों को निशाना बनाया था, जिनमें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) स्टेशन भी शामिल था। इस वारदात के दौरान अंबादास पवार उस समय सिविल ड्रेस में और बिना हथियार के थे। वे अपनी नाइट ड्यूटी के लिए प्रोटेक्शन यूनिट ऑफिस जा रहे थे। सीएसएमटी स्टेशन पर उन्होंने देखा कि एक रेलवे पुलिस (जीआरपी) अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गया है। उन्होंने उसकी राइफल लेकर आतंकियों पर गोलियां चलाईं। इस दौरान वे शहीद हो गए। उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें गैलेंट्री पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया था।
देश के लिए एक प्रेरणा - कल्पना
कल्पना पवार की यह नियुक्ति सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक है। यह निर्णय उन सभी शहीद परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, जिन्होंने देश के लिए अपनों को खोया है। महाराष्ट्र सरकार का यह कदम यह दिखाता है कि जो लोग देश के लिए बलिदान देते हैं, उन्हें और उनके परिवार को सरकार कभी नहीं भूलती।


