चेंबूर आग हादसा : दुकान में दीपक लगाना परिवार वालों को पड़ा भारी !
Chamber fire accident: lighting a lamp in the shop proved costly for the family!
चेंबूर के आग की घटना में मंदिर के पास रखा दीपक और दुकान में रखा केरोसिन तेल का डिब्बा एक ही परिवार के सात सदस्यों के मौत का कारण बन गई। बता दें कि चेंबूर की सिद्धार्थ कॉलोनी में रविवार 6 अक्टूबर को आग लग गई थी, जिसमे एक पूरा भरा पूरा परिवार खत्म हो गया।
मुंबई : चेंबूर के आग की घटना में मंदिर के पास रखा दीपक और दुकान में रखा केरोसिन तेल का डिब्बा एक ही परिवार के सात सदस्यों के मौत का कारण बन गई। बता दें कि चेंबूर की सिद्धार्थ कॉलोनी में रविवार 6 अक्टूबर को आग लग गई थी, जिसमे एक पूरा भरा पूरा परिवार खत्म हो गया।
दमकल अधिकारियों ने आग लगने के कारण की जांच करते हुए यह पाया कि आग लगने का कारण दुकान में रखा जलता हुआ दिया माना जा रहा है। जिसमें नौ सदस्यों वाले एक परिवार के सात लोगों की जान चली गई। जांच रिपोर्ट में इसे संभावित कारण बताया गया है। अधिकारियों ने कहा कि फोरेंसिक जांच जारी है और जांच पूरी होने के बाद निष्कर्ष बदल भी सकता हैं। एक अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि उन्हें घर में 25 लीटर के केरोसिन के कई डिब्बे और पाम ऑयल के कई डिब्बे मिले हैं, जो शायद आग के तेजी से फैलने में योगदान बने होंगे।
परिवार के मुखिया छेदीलाल गुप्ता और उनके एक बेटे धर्मदेव गुप्ता ही इस घटना में जीवित बचे हैं। छेदीलाल पहले इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर किराने की दुकान चलाते थे। लेकिन जब उनके दो बेटे काम पर लग गए तो उन्होंने दुकान बंद कर दी और खुद को व्यस्त रखने के लिए कुछ सामान बेचकर अपना समय काटते थे। अधिकारी ने कहा, "घर की ऊपरी मंजिल तक पहुंचने का केवल एक ही रास्ता था, जो कि इमारत के अंदर से था और जो लोग फंसे हुए थे, वे बाहर नहीं निकल पाए क्योंकि आग भूतल से शुरू होकर ऊपर तक पहुंच गई थी।
इस भीषण आग में गुप्ता परिवार के सात सदस्यों की जान चली गई, जिसमें तीन नाबालिग बच्चे भी शामिल थे। आग ने उनके ग्राउंड प्लस टू मंजिला घर को पूरी तरह से तहस- नहस कर दिया था। छेदीलाल की पत्नी गीता देवी जो दुकान में ही सोई थी लेकिन वह भी और बाहर नहीं निकल पाईं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे घटना स्थल का दौरा किया था और उन्होंने मृतकों के परिजनों को प्रति व्यक्ति पांच लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी।

