कोल्हापुर/ सांसद शाहू छत्रपति ने प्रशासन और पुलिस पर लगाया विफलता का आरोप, ‘…तो टल सकती थी विशालगढ़ की घटना’
Kolhapur/ MP Shahu Chhatrapati accused the administration and police of failure, ‘…then the Vishalgad incident could have been averted’
सांसद शाहू छत्रपति ने कहा कि राज्य सरकार ने अतिक्रमण हटाने को लेकर रविवार को यह आदेश जिला प्रशासन को नहीं दिया होता तो यह हिंसा नही होती। उन्होंने यह भी कहा कि इस हिंसा के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। शाहू छत्रपति ने कहा कि वह संभाजीराजे छत्रपति की आक्रामक भुमिका के बाद हुई हिंसा का निषेध करते है। सरकार पिडितों को मुआवजा दें। छत्रपति ने कहा कि वह मंगलवार को घटनास्थल का निरिक्षण करेंगे। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि अतिक्रमण को तत्काल हटाने की कार्रवाई की जाए।
कोल्हापुर : महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के विशालगढ़ किले में अतिक्रमण रोधी अभियान ने हिंसक मोड़ ले लिया था। अतिक्रमण हटाने आई पुलिस पर भीड़ ने पथराव किया और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने इसे लेकर 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 21 लोगों को हिरासत में लिया है। इस बीच, सांसद शाहू छत्रपति ने राज्य की शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए इस घटना को जिला प्रशासन और पुलिस की विफलता बताया।
सांसद शाहू छत्रपति ने कहा कि घटना से पहले हमने विशालगढ़ अतिक्रमण मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद संभाजीराजे छत्रपति के बीच चर्चा कराने का सुझाव दिया था। हालांकि, सरकार, पुलिस और प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित सावधानी नही बरती, जिसके कारण यह हिंसा हुई। सांसद शाहू छत्रपति ने आरोप लगाया कि यह घटना जिला प्रशासन और पुलिस की विफलता है।
सांसद शाहू छत्रपति ने कहा कि राज्य सरकार ने अतिक्रमण हटाने को लेकर रविवार को यह आदेश जिला प्रशासन को नहीं दिया होता तो यह हिंसा नही होती। उन्होंने यह भी कहा कि इस हिंसा के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। शाहू छत्रपति ने कहा कि वह संभाजीराजे छत्रपति की आक्रामक भुमिका के बाद हुई हिंसा का निषेध करते है। सरकार पिडितों को मुआवजा दें। छत्रपति ने कहा कि वह मंगलवार को घटनास्थल का निरिक्षण करेंगे। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि अतिक्रमण को तत्काल हटाने की कार्रवाई की जाए।
उल्लेखनीय है कि कोल्हापुर जिले के विशालगढ़ किले में अतिक्रमण रोधी अभियान हिंसक हो गया क्योंकि भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। एक अधिकारी ने बताया कि पुणे से आये कुछ दक्षिणपंथी समर्थकों को निषेधाज्ञा के मद्देनजर किले के निचले हिस्से में रोके जाने के बाद हिंसा भड़क उठी।
उन्होंने बताया, “कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए किले में तैनात पुलिसकर्मी घायल हो गए, क्योंकि दक्षिणपंथी संगठन के विरोध प्रदर्शन के बाद उपद्रवियों ने पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। हमें आगजनी की सूचना मिली हैं।” अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने नेताओं समेत 500 से अधिक लोगों के खिलाफ चार मामले दर्ज किए हैं और 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने बताया कि अन्य की तलाश जारी है।
हिंसा के बाद विपक्ष ने शिवसेना की अगुवाई वाली राज्य की महयुति सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या राज्य में “जंगल राज” है। राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि किले तक मार्च का नेतृत्व करने के लिए मराठा शाही परिवार के वंशज संभाजीराजे छत्रपति पर भी मामला दर्ज किया गया है।
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