तेजी से फैल रहा है जीका वायरस
Zika virus is spreading rapidly
मुंबई, देश में जीका का संक्रमण बढ़ने लगा है। इसी क्रम में कनार्टक में यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। इसे देखते हुए महाराष्ट्र पर भी जीका के डंक का साया मंडराने लगा है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, प्रदेश में अब तक सात मरीज मिल चुके हैं।
ऐसे में बढ़ते जीका संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशों की घोषणा की है। इतना ही नहीं इस बीमारी को लेकर तमाम जरूरी एहतियात बरतने की अपील भी की गई है।
हिंदुस्थान पर कोरोना के बाद अब जानलेवा जीका वायरस का खतरा मंडराने लगा है। जानकारों की मानें तो यह वायरस कोरोना से भी घातक है। इसे लेकर सरकार और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की चिंता बढ़ गई है। बता दें कि जीका वायरस मच्छरों द्वारा पैâलनेवाली एक विषाणु जनित बीमारी है। यह एडीज मच्छर से पैâलता है। ये मच्छर दिन के समय अधिक सक्रिय होते हैं। इस वायरस से होनेवाला संक्रमण खतरनाक है। कुछ मामलों में तो यह संक्रमण मौत का कारण भी बन सकता है। वायरस से संक्रमित होने के बाद रोगी को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है।
जीका से संक्रमित कई लोगों में कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, अथवा हल्के लक्षण दिखते हैं। ये कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक बने रहते हैं। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान जीका इंफेक्शन गंभीर बर्थ इंफेक्शन पैदा कर सकता है। मौजूदा अध्ययनों से पता चलता है कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम जीका से जुड़ा है। यह नर्वस सिस्टम की असामान्य बीमारी है। वैसे हाल में जीका वायरस संक्रमण वाले लोगों के केवल एक छोटे से वर्ग को जीबीएस हुआ है। एक बार जीका से संक्रमित हो जाने पर संभव है कि उस व्यक्ति को भविष्य में यह इंफेक्शन नहीं हो। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि पूर्व में जीका संक्रमण से भविष्य में प्रेग्नेंसी में बर्थ डिफेक्ट का खतरा बढ़ जाता है कि नहीं।
जीका वायरस बीमारी के सबसे आम लक्षण बुखार, दाने, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होना और मांसपेशियों में दर्द होना। इसके लक्षण काफी कुछ डेंगू से मिलते-जुलते हैं। जीका से संक्रमित कई लोगों में लक्षण नहीं होते हैं या मामूली होते हैं। ये कई दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रह सकते हैं। जीका से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने और अपने परिवार को मच्छरों के काटने से बचाएं। इंसेक्ट रेपलेंट का इस्तेमाल करें। पूरी बाजू की शर्ट और फुल पैंट पहनें। अगर खुले में सोते हैं तो मच्छरदानी लगाएं। जीका को डायग्नोज करने के लिए डॉक्टर आपसे हाल की यात्रा और आपके लक्षणों के बारे में पूछते हैं। साथ ही जीका या इसी तरह के वायरस के परीक्षण के लिए ब्लड या यूरिन कलेक्ट करते हैं। जीका में संक्रमित व्यक्ति की मौत की आशंका बहुत कम होती है।
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