फिर ठाकरे गुट को लगा बड़ा झटका... शिवसेना नाम और पार्टी सिंबल को लेकर सामने आया बड़ा अपडेट

Then Thackeray group got a big blow... Big update came out regarding Shiv Sena name and party symbol.

फिर ठाकरे गुट को लगा बड़ा झटका... शिवसेना नाम और पार्टी सिंबल को लेकर सामने आया बड़ा अपडेट

जबकि शिंदे और ठाकरे समूह शिवसेना के नाम और पार्टी चिन्ह पर जोर दे रहे थे, दोनों ने इसके लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया। उस समय चुनाव आयोग ने दोनों गुटों की बात सुनने के बाद शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह दे दिया था।  इस पर ठाकरे समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस सुनवाई में एक बार फिर देरी होती दिख रही है। इससे पहले यह सुनवाई 11 अक्टूबर को हुई थी। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख दी थी और अब 15 दिसंबर कर दी गई है।

महाराष्ट्र : शिंदे ने सत्ता में आने के लिए भाजपा का हाथ थामा। तब से से महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी का और उसके चिन्ह को लेकर शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट संघर्ष जारी है। आपको बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना पार्टी और धनुष्यबाण चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को देने के फैसले के खिलाफ ठाकरे गुट याचिका दायर की थी। अब इस याचिका पर सुनवाई टल गई है।  सामने आई जानकारी के मुताबिक, सुनवाई 25 दिन के लिए टाल दी गई है और 15 दिसंबर को होने की संभावना है। गौरतलब हो कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में ठाकरे समूह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख तय की गई थी। एक तरफ कोर्ट ने विधायक अयोग्यता मामले में फैसला सुनाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन ये तारीख फिर टल गई है। 

जबकि शिंदे और ठाकरे समूह शिवसेना के नाम और पार्टी चिन्ह पर जोर दे रहे थे, दोनों ने इसके लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया। उस समय चुनाव आयोग ने दोनों गुटों की बात सुनने के बाद शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और पार्टी का चुनाव चिन्ह दे दिया था।  इस पर ठाकरे समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस सुनवाई में एक बार फिर देरी होती दिख रही है। इससे पहले यह सुनवाई 11 अक्टूबर को हुई थी। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 20 नवंबर की तारीख दी थी और अब 15 दिसंबर कर दी गई है।

जब चुनाव आयोग ने शिंदे समूह को शिवसेना पार्टी का चुनाव चिन्ह और नाम दिया, तो उसने विधानसभा में विधायकों की संख्या को ध्यान में रखा। इसके साथ ही 2019 में हुए चुनाव में जीतने वाले शिवसेना उम्मीदवारों के वोटों के आंकड़ों को भी ध्यान में रखा गया।  इन्हीं आंकड़ों के मुताबिक आयोग ने ये अहम नतीजा दिया। ऐसे में चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ ठाकरे समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसकी सुनवाई अब टल गई है।