अरब अमीरात के सबसे बड़े शहर दुबई अग्निकांड में जान गंवाने वाला भारतीय जोड़ा अपने पड़ोसियों को देने वाला था इफ्तार पार्टी...

The Indian couple who lost their lives in the Dubai fire, the largest city of Arab Emirates, was about to give an Iftar party to their neighbors.

अरब अमीरात के सबसे बड़े शहर दुबई अग्निकांड में जान गंवाने वाला भारतीय जोड़ा अपने पड़ोसियों को देने वाला था इफ्तार पार्टी...

पश्चिमी एशिया के देश संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बड़े शहर दुबई में एक रिहायशी इमारत में भीषण आग लगी थी, जिसमें 16 लोगों की जान चली गई. आग से जलकर मरने वालों में कई भारतीय शामिल हैं. स्‍थानीय मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतकों में एक ऐसा भारतीय कपल भी था, जो अपने पड़ोसियों के लिए इफ्तार का खाना बना रहा था. जान गंवाने वाले भारतीय जोड़े की पहचान केरल के 38 वर्षीय रिजेश कलंगदान और उनकी 32 वर्षीय पत्नी जेशी कंदमंगलथ के तौर पर हुई है.

दुबई : पश्चिमी एशिया के देश संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बड़े शहर दुबई में एक रिहायशी इमारत में भीषण आग लगी थी, जिसमें 16 लोगों की जान चली गई. आग से जलकर मरने वालों में कई भारतीय शामिल हैं. स्‍थानीय मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतकों में एक ऐसा भारतीय कपल भी था, जो अपने पड़ोसियों के लिए इफ्तार का खाना बना रहा था. जान गंवाने वाले भारतीय जोड़े की पहचान केरल के 38 वर्षीय रिजेश कलंगदान और उनकी 32 वर्षीय पत्नी जेशी कंदमंगलथ के तौर पर हुई है.

बताया जा रहा है कि वे अपने मुस्लिम पड़ोसियों को इफ्तार की पार्टी देना चाहते थे, और इसके लिए वे हिंदू रीति-रिवाजों वाला पारंपरिक भोज 'विशुसाध्या' तैयार कर रहे थे. गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्‍हें अपने पड़ोसियों से खासा लगाव था. अपने मुस्लिम पड़ोसियों के लिए वे केले के पत्ते पर परोसे जाने वाले शाकाहारी भोज बना रहे थे, उन्‍होंने कुंवारे लोगों के एक समूह को भी इफ्तार की पार्टी के लिए आमंत्रित किया था. मगर, तभी उस इमारत में दूसरी ओर से आग लग गई. अल रास क्षेत्र में लगी आग में कम से कम 16 लोग मारे गए और नौ अन्य लोग झुलस गए.

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इस घटना के बाद दुबई सिविल डिफेंस ने इमारत की सुरक्षा व्‍यवस्‍था में की गई लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया. गल्फ न्यूज के मुताबिक, दुबई सिविल डिफेंस ऑपरेशंस रूम को शनिवार को दोपहर 12.35 बजे दुबई के पुराने इलाके अल रास स्थित इमारत में आग लगने की सूचना मिली थी, वो आग चौथी मंजिल पर लगी थी और कुछ ही देर में पूरी इमारत में चीख-पुकार मच गई. वहां इस अग्निकांड में जान गंवाने वाले भारतीय कपल के बारे में उनके कई पड़ोसियों ने बात की. अपार्टमेंट नंबर 409 में 7 रूममेट्स के साथ रहने वाले रियास कैकंबम ने कहा कि फ्लैट नंबर 406 में रहने वाले दंपति (रिजेश कलंगदान और उनकी पत्नी जेशी कंदमंगलथ) का व्‍यवहार बहुत दोस्ताना था. आग उनके पास वाले फ्लैट 405 में लगी थी, तो वे भी चपेट में आ गए थे.

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रियास के मुताबिक, कलंगदान एक ट्रैवल एंड टूरिज्म कंपनी में बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर थे, जबकि उनकी पत्‍नी कंदमंगलथ एक स्कूल टीचर थीं.  दिवंगत भारतीय कपल (रिजेश कलंगदान और उनकी पत्नी जेशी कंदमंगलथ) पड़ोसी बताते हैं कि वे दोनों अपने त्योहारों के दौरान अपने पड़ोसियों को आमंत्रित करते थे. सब साथ-साथ जश्‍न मनाते थे और पार्टी होती थीं. पड़ोसी रियास ने दुख का इजहार करते हुए कहा, “उन्होंने हमें ओणम और विशु लंच के दौरान पहले भी आमंत्रित किया था. इस बार उन्होंने हमें इफ्तार के लिए आने को कहा क्योंकि रमजान में मुस्लिम उपवास रखा करते हैं."

रियास कैकंबम ने कहा कि उन्होंने आखिरी बार इस कपल को अपने अपार्टमेंट के बाहर देखा था. उसने कहा, "जब आग लग रही थी, तो मैंने उस ओर देखा टीचर साहिबा रो रही थीं.," उसने याद करते हुए कहा कि उसके बाद वो अपने फ्लैट में वापस घुस गई थीं. उसने कहा, “बाद में मैंने उन्‍हें कॉल किया, लेकिन उधर से कोई रिस्‍पॉन्‍स नहीं मिला. मैं रात 12.35 बजे वॉट्सऐप पर रिजेश का लास्ट सीन स्टेटस देख सका.

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मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है कि जिस शख्स ने मुझे रविवार के लिए फ्लाइट टिकट बुक करने में मदद की, और जिस शख्स ने मुझे इफ्तार के लिए इनवाइट किया था, वो (अपनी पत्नी के साथ) जान गंवा बैठा है. उनके एक और रूममेट सुहैल कोपा, जो आग लगने के दौरान घर पर नहीं थे, उन्‍होंने बताया, “हम यह जानकार बड़ा दुख हुआ है कि वे पति-पत्‍नी अब इस दुनिया में नहीं हैं. ये वो लोग थे, जिनसे हम रोज मिलते थे और दुआ-सलाम होती थी. अब इस जगह पर रहने के बारे में सोचना दिल दहला देने वाला है, जहां हमने 16 पड़ोसियों को खो दिया, जिनमें से कुछ हमारे बहुत करीब थे.”

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Sabri Human Welfare Foundation Ngo

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