मुंबई में महिलाओं और बच्चियों के साथ अपराध बढ़े... मायानगरी के ये आंकड़े हैरान कर देनेवाले
Crime against women and girls increased in Mumbai… these figures of Mayanagari are surprising
डिटेक्शन दर की बात करें, तो जनवरी में 327 केसों को सुलझाने में पुलिस सफल रही, जबकि फरवरी में यहां आंकड़ा मात्र 284 ही था। इस हिसाब से पिछले दो महीने में दर्ज 955 केस में मात्र 611 मामले ही सुलझ पाए, यानी 344 केस अब भी अनसुलझे हैं। मुंबई पुलिस से मिले आंकड़े बताते हैं कि जनवरी और फरवरी में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, विनयभंग, रेप और किडनैपिंग की घटनाएं अधिक दर्ज हुई हैं।
मुंबई: 29 मार्च को मुंबई के बोरीवली रेलवे पर एक छात्रा से छेड़छाड़ करने की घटना घटी। आरोपी दीपक पुजारी को जीआरपीएफ ने विरार से गिरफ्तार किया। बोरीवली जीआरपीएफ के अनुसार, छात्रा ने बोरीवली स्टेशन परिसर में आरोपी के खिलाफ गलत हरकत करने की कोशिश और बदसलूकी करने की शिकायत की।
पीड़िता ने जब विरोध करते हुए शोर मचाया, तो आरोपी ट्रेन में बैठकर फरार हो गया। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुजारी को गिरफ्तार किया गया।एक और मामला में एमएचबी पुलिस के तहत 14 वर्ष की एक नाबालिग अपने मामा और मौसेरे भाई के खिलाफ कथित तौर पर दुष्कर्म करने का केस दर्ज कराई थी।
हालांकि, दोनों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए, लेकिन इंसानियत को हिला देने वाली इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि लोग आखिर भरोसा किस पर करें। पीड़िता अपने मामा के घर में 2014 से रह रही थी। यहीं पर रिश्तेदारों ने पीड़िता के साथ कथित दुष्कर्म किया। पालघर निवासी चाचा को पीड़िता ने जब जानकारी दी, उसके बाद घटना का खुलासा हुआ।
महानगर में महिलाओं के अपराध को रोकने के लिए तमाम अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन, साल के शुरुआत में ही महिलाओं के साथ घटी छेड़छाड़, विनयभंग, किडनैंपिंग जैसी आपराधिक घटनाओं का आंकड़ा यह बताने के लिए काफी है कि मुंबई में महिलाओं की सुरक्षा-व्यवस्था दयनीय है। प्रशासनिक दावे खोखले हैं, क्योंकि यहां औसतन हर दिन 16 महिलाएं किसी न किसी अपराध की शिकार बन रही हैं।
महिला अपराध की बात करें, तो मुंबई में महिलाएं अन्य शहरों की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं। हालांकि, मुंबई पुलिस के आंकड़ें बता रहे हैं कि महिलाओं के संबंधित जनवरी में 502 केस दर्ज किए गए। फरवरी में यह आंकड़ा कम होकर 453 हो गया। यानी 59 दिन में 955 केस दर्ज हुए। इस हिसाब से प्रति दिन 16 केस दर्ज हुए।
डिटेक्शन दर की बात करें, तो जनवरी में 327 केसों को सुलझाने में पुलिस सफल रही, जबकि फरवरी में यहां आंकड़ा मात्र 284 ही था। इस हिसाब से पिछले दो महीने में दर्ज 955 केस में मात्र 611 मामले ही सुलझ पाए, यानी 344 केस अब भी अनसुलझे हैं। मुंबई पुलिस से मिले आंकड़े बताते हैं कि जनवरी और फरवरी में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, विनयभंग, रेप और किडनैपिंग की घटनाएं अधिक दर्ज हुई हैं।
फरवरी में रेप के 60, किडनैपिंग के 98 और विनयभंग के 175 केस दर्ज किए गए। वहीं, जनवरी में रेप के 78, किडनैपिंग के 115 और विनयभंग के 172 केस दर्ज किए गए। इन दो महीनों में कुल 178 रेप के मामले, जबकि विनयभंग के 347 केस दर्ज हुए। जनवरी और फरवरी में औसतन हर दिन 6 महिलाएं विनयभंग की, जबकि 3 महिलाएं रेप की शिकार बनी हैं। हालांकि, पॉक्सो के इन दो महीनों में क्रमश: 85 और 80 केस सामने आएं हैं। हर दिन औसतन 3 नाबालिग छेड़छाड़, रेप और ईव टिजिंग की शिकार बनीं हैं।

