मुंबईकर को बजट से कई उम्मीदें... केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन करेंगी पूरी?
Mumbaikar has many expectations from the budget... Will Union Finance Minister Nirmala Sitharaman fulfill it?
इस वक्त सबकी नजरें कल (1 फरवरी, बुधवार) पेश होने जा रहे केंद्रीय बजट पर टिकी हुई हैं. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन इसे कल संसद में पेश करेंगी. आम लोगों की बजट से काफी उम्मीदें रहा करती हैं. मध्यम वर्ग को करों में सहूलियतों का, बुनियादी सुविधाओं को लेकर किए जाने वाले ऐलान का इंतजार रहता है.
मुंबई: इस वक्त सबकी नजरें कल (1 फरवरी, बुधवार) पेश होने जा रहे केंद्रीय बजट पर टिकी हुई हैं. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन इसे कल संसद में पेश करेंगी. आम लोगों की बजट से काफी उम्मीदें रहा करती हैं. मध्यम वर्ग को करों में सहूलियतों का, बुनियादी सुविधाओं को लेकर किए जाने वाले ऐलान का इंतजार रहता है. हर साल मुंबईकरों की नजरें बजट में रेलवे के संदर्भ में की जाने वाली घोषणाओं पर गड़ी रहती हैं. मुंबई लोकल से हर रोज 75 लाख लोग सफर करते हैं. इसलिए मुंबई लोकल सेवा पर होने वाले ऐलान पर ध्यान बना हुआ है.
मुंबईकर जब हर रोज सुबह काम पर जाते हैं, काम से लौटते हैं और बाकी वक्त में भी मुंबई लोकल में भीड़ जोरदार रहा करती है. बैठने की बात तो छोड़िए पीक आवर में लोगों को खड़े होने की जगह मिल जाए को बात बन जाती है, सफर आसान लगने लग जाता है.खास तौर से कल्याण-डोंबिवली, बोरिवली-विरार रूट पर पीक आवर में ट्रेन में चढ़ना एक जंग लड़ने के समान होता है.
ऐसे में मुंबई लोकल की संख्या बढ़ाने की मांग उठती रही है. लोकल का सफर आसान हो और टिकट किराए में बढ़ोत्तरी ना हो, यही आम मुंबईकरों की मांग रहती है. इस मांग को लेकर वित्तमंत्री ने कितना ध्यान रखा है, यह कल पता चलेगा. मुंबई रेलवे स्टेशनों के टॉयलेट्स में सुधार दिखाई दे रहा है. स्वच्छता का खास खयाल रखा जा रहा है. उसमें और सुधार क्या हो सकता है, यह देखने वाली बात होगी. इनके अलावा रेलवे ब्रिज और प्लेटफॉर्म बढ़ाए जाएं, यह भी मुंबईकरों की खास मांग है.
उम्मीद है कि केंद्रीय बजट 2023-24 में मध्य रेलवे के लिए 1.9 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट लाए जाएंगे. मुंबई लोकल के अलावा मुंबई से दो वंदे भारत ट्रेनें शुरू होने की संभावना है. मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से शिरडी और सोलापुर रूट के लिए ये दोनों वंदे भारत ट्रेनें शुरू हो सकती हैं.
मुंबईकरों की यह मांग बहुत पुरानी है कि मुंबई में घरों की दरें और किराए की दरों को देखें तो यहां रहना और बसना भारत के अन्य शहरों के मुकाबले काफी महंगा है. ऐसे में मुंबई में रहने वालों का टैक्स स्लेब भारत के अन्य भागों में रहने वाले लोगों से अलग रखा जाए. यानी मुंबईकरों को टैक्स स्लैब में ज्यादा राहत दी जाए. वैसे भी मध्यम वर्ग इस बार टैक्स स्लैब में बड़ी राहत की उम्मीद में है. मध्यम वर्ग के लोगों का कहना है कि हाथ में पैसा बचेगा तो खरीदारी बढ़ेगी और कोविड काल के बाद मार्केट के ग्रोथ के लिए यह अच्छा होगा.

