ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की दलील को मानते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज कर दी
In the Gyanvapi Masjid case, the court rejected the petition of the Muslim side, accepting the argument of the Hindu side.
ज्ञानवापी मस्जिद और इस मस्जिद के अंदर मां श्रृंगारगौरी के मंदिर को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी। वाराणसी डिस्ट्रिक कोर्ट ने कहा कि श्रृंगारगौरी के नियमित दर्शन करने के लिए लगाई गई याचिका सुनने लायक है.
ज्ञानवापी मस्जिद और इस मस्जिद के अंदर मां श्रृंगारगौरी के मंदिर को लेकर चल रहे विवाद की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी। वाराणसी डिस्ट्रिक कोर्ट ने कहा कि श्रृंगारगौरी के नियमित दर्शन करने के लिए लगाई गई याचिका सुनने लायक है. कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की दलील को मानते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज कर दिया है.
वाराणसी कोर्ट ने ये भी कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगारगौरी का मामला 1991 के वर्शिप एक्ट के तहत नहीं आता है. अब श्रृंगारगौरी के दर्शन को लेकर लगाई गई याचिका की सुनवाई 22 सितम्बर के दिन होगी। कोर्ट में फैसले के दौरान हिन्दू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर मौजूद थे, लेकिन याचिका लगाने वाली राखी सिंह नहीं थीं. जज ने 62 लोगों को कोर्ट में रहने की अनुमति दी थी.
इस मामले में 24 अगस्त को ही हिन्दू पक्ष और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो गई थी. और जज एसके विश्वेश ने 12 सितम्बर मतलब आज तक के लिए फैसला सुरक्षित रखने का आदेश जारी किया था.
वाराणसी कोर्ट में मुल्सिम पक्ष ने याचिका लगाई थी कि ज्ञानवापी मुसलमानों की है और यह औरंगजेब की संपत्ति है, यहां हिन्दुओं को मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन के लिए अनुमति देना जायज नहीं है।
मुस्लिम पक्ष ने कहा था की ज्ञानवापी प्लेसेज ऑफ़ वरशिप एक्ट 1991 के तहत आता है. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा- ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन के लिए लगाई गई याचिका सुनने लायक है. और अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितबर के दिन होगी।
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